प्रोपर्टी कंसल्टेंट Anarock के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है कि केंद्रीय बजट 2020-21 से बहुत अधिक उम्मीदें हैं।इसकी अलावा देश के रीयल एस्टेट सेक्टर को निश्चित रूप से बजट से बहुत अधिक आशाएं हैं। वही यदि बात की जाए इस बात की उम्मीद की जा रही है कि प्रोपर्टी की बिक्री पर लांग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) को खत्म किया जा सकता है। वही ऐसा माना जा रहा है कि इससे रीयल एस्टेट सेक्टर को बहुत फायदा होगा। हालांकि, यह बात पूरी तरह से सही नहीं है और वास्तव में यह प्रतिकूल और नुकसान पहुंचाने वाला फैसला हो सकता है।
वर्तमान में प्रोपर्टी बेचने से प्राप्त राशि को अगर तीन साल के भीतर फिर से निवेश नहीं किया जाता है तो प्रोपर्टी के मालिक को 30 फीसद का कैपिटल गेन टैक्स देना होता है। इस टैक्स को बचाने के लिए अधिकतर लोग संपत्ति बेचने से प्राप्त राशि रीयल इस्टेट मार्केट में ही निवेश करते हैं। हालांकि, इस कर को खत्म करने के बाद निवेशकों के लिए रीयल एस्टेट के अलावा अन्य सेक्टर्स में भी निवेश का रास्ता खुल जाएगा। पुरी का कहना है कि प्रोपर्टीज की बिक्री से LTGC Tax को खत्म करने से इकोनॉमी को फायदा होगा क्योंकि इससे निवेशकों के हाथ में पैसे आ जाएंगे। साथ ही शेयर बाजार में भी लेनदेन बढ़ेगी। हालांकि, रीयल्टी सेक्टर पर इसका विपरीत असर देखने को मिल सकता है।
इसके अलावा रीयल एस्टेट सेक्टर एकल खिड़की मंजूरी प्रक्रिया की उम्मीद कर रहा है। इसके साथ ही सेक्टर को उम्मीद है कि दबाव झेल रही आवासीय परियोजनाओं एवं डेवलपर्स तक नकदी सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक निवेश कोष की उपलब्धता को लेकर काम किया जा सकता है । बकौल पुरी भारत की इकोनॉमी में रीयल एस्टेट सेक्टर का आठ फीसद का योगदान होता है। वही उन्होंने हाउसिंग लोन पर ब्याज दर में कर में छूट की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाए जाने की हिमायत की। उन्होंने कहा कि इससे आवासीय क्षेत्र के लिए डिमांड को मजबूती मिल सकती है , खासकर किफायती एवं मध्यम श्रेणी की परिसंपत्तियों पर।
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