केंद्रीय कैबिनेट ने रेलवे बोर्ड और संवर्गों के पुनर्गठन को मंजूरी देते हुए बड़ा परिवर्तन करने का एलान किया है। जहां एक तरफ रेलवे बोर्ड में मौजूद सदस्यों की संख्या में कटौती की गई है, वहीं दूसरी तरफ रेलवे में मौजूद सभी कैडर का विलय करके एक नया कैडर बना दिया है।रेलवे बोर्ड में होंगे केवल चार सदस्य होंगे| रेलवे बोर्ड में फिलहाल चेयरमैन और आठ सदस्य होते हैं। अब सदस्यों की संख्या में 50 फीसदी कटौती करते हुए केवल चार सदस्य और चेयरमैन होगा। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बोर्ड में अब जो सदस्य होंगे वो बिजनेस डेवलपमेंट, ऑपरेशन, मानव संसाधन, इंफ्रास्ट्रक्चर और वित्त के होंगे। वहीं ट्रैफिक, रोलिंग स्टॉक, ट्रैक्शन और इंजीनियरिंग के सदस्यों का पद समाप्त कर दिया गया है।
रेलवे के कैडर विलय हो सकते है अभी तक देश में चल रहे रेलवे से जुड़े अलग-अलग कैडर को खत्म करके एक कैडर बनाया जाएगा। भारतीय रेलवे में अभियांत्रिकी, यातायात, यांत्रिक और विद्युत सहित विभिन्न विभागों के लिए मौजूदा आठ सेवाओं की जगह अब केवल एक संवर्ग ‘भारतीय रेल सेवा’ होगा।
पीयूष गोयल के नेतृत्व में रेल मंत्रालय कई इस तरह के फैसले ले रहा है, जिससे बदलाव हो। इंफ्रास्ट्रक्चर और यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए अब निजी क्षेत्र के साथ भी भागीदारी की जा रही है। तेजस एक्सप्रेस के बाद रेलवे अब 150 रूट्स पर निजी ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता 160 किलोमीटर की स्पीड पर ट्रेन दौड़ानें की योजना है। इससे दिल्ली-मुंबई यात्री 10 घंटे और दिल्ली-कोलकाता 12 घंटे में पहुंच जाएंगे। हालांकि इस योजना को पूरा होने में फिलहाल दो से तीन सालों का वक्त लग सकता है ।
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