नई दिल्ली: कोरोना ने महामारी के बीच बढ़ती महंगाई ने आम आदमी पर भारी असर डाला है इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल एवं डीजल के बढ़ते दामों को लेकर सोमवार को कहा कि यह सही है कि लोग परेशान हैं। जनता का परेशान होना जायज है। जब तक केंद्र और राज्य बातचीत नहीं करते हैं तब तक इसका कोई हल संभव नहीं है। वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि एक्साइज ड्यूटी में कोई कटौती नहीं की जा सकती है।
साथ ही उन्होंने कहा, सरकारी खजाने पर यूपीए सरकार की तरफ से जारी किए गए तेल बांडों के लिए किए जा रहे ब्याज भुगतान का बोझ है। सरकार ने अभी तक सिर्फ ऑयल बॉन्ड पर बीते पांच वर्षों में 62 हजार करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 तक हमें अभी 37 हजार करोड़ रुपये का भुगतान और करना है।
आगे बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ब्याज भुगतान के बाद भी 1.30 लाख करोड़ से ज्यादा का मूलधन अभी भी बकाया है। यदि हम पर तेल बॉन्ड का बोझ नहीं होता तो हम ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करने के हालात में होते। वित्त मंत्री ने वाहन ईंधन के दामों पर वर्तमान में बने इस हालात के लिए पूर्ण रूप के कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। सीतारमण ने यूपीए सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने 1.44 लाख करोड़ रुपये दाम के ऑयल बॉन्ड जारी करके तेल के दाम कम किए थे। मैं इस प्रकार की चालबाजी नहीं कर सकती हीं जैसी पिछली यूपीए सरकार ने की थी। इससे हमारी सरकार पर बोझ बढ़ा है तथा इसी कारण हम पेट्रोल डीजल के दाम कम नहीं कर पा रहे हैं।
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