नई दिल्ली: केरल और महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखने के लिए नहीं मिल रही है। जी दरअसल इसी के चलते अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हैरान और परेशान है। आप सभी को बता दें कि देश के अन्य राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर जिस तेजी से फैली, उसी गति से कम भी होती चली गयी। आपको बता दें कि इन दोनों राज्यों में बीते तीन हफ्ते से नए केस आठ हजार से 15 हजार प्रतिदिन के बीच बने हुए हैं। हालाँकि इसकी मूल वजह का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय अब इन दोनों राज्यों में वैज्ञानिक अध्ययन कराने पर विचार कर रहा है।
जी दरअसल हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, 'पूरे देश में प्रतिदिन कोरोना के नए मामलों में 52 फीसद से अधिक केरल और महाराष्ट्र से आ रहे हैं। यही नहीं, कोरोना के कारण प्रतिदिन होने वाली मौतों में लगभग आधी महाराष्ट्र में हो रही हैं। पूरे देश में कोरोना संक्रमण दर में काफी गिरावट दर्ज की गई है। देश के 66 जिलों में ही 10 फीसद से ज्यादा संक्रमण दर रह गई है। इनमें से केरल के संख्या आठ और महाराष्ट्र में दो जिले शामिल हैं।'
इसके अलावा अधिकारी ने यह भी कहा कि, 'दोनों राज्यों में संक्रमण कम नहीं होने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर जल्द ही विशेषज्ञों की टीम दोनों राज्यों में भेजी जाएंगी, जो अधिक संक्रमण होने के वैज्ञानिक कारणों की तलाश करेंगी।' आपको बता दें कि नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप आन इम्युनाइजेशन (एनटागी) के प्रमुख डा। एनके अरोड़ा ने पिछले दिनों केरल के अधिकारियों से नए केस अधिक आने की वजह जानने की कोशिश की।
जी दरअसल केरल के अधिकारियों का कहना था कि, 'उनके यहां कराए गए सीरो सर्वे में अब भी 20 फीसद लोगों में ही एंटीबाडी पाई गई है।' इसका मतलब है कि 80 फीसद आबादी को अब भी संक्रमित होने का खतरा बरकरार है। वहीं केरल के अधिकारियों के अनुसार राज्य में अधिक जागरूकता होने की वजह से शारीरिक दूरी, मास्क और सफाई जैसे कोरोना व्यवहार का समुचित पालन किया जाता है और इसी वजह से अधिकांश लोग इससे अब भी बचे हुए हैं, जो धीरे-धीरे संक्रमित हो रहे हैं।
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