मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में अनोखा मामला देखने को मिला है. यहां पर कोरोना पॉजिटिव पाई गई दो बहनों को आइसोलेट करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने परिवार के 16 सदस्यों के साथ उनके पालतू कुत्ते को भी क्वारैंटाइन सेंटर ले जाने का मामला सामने आया है. दरअसल, पपौरा चौराहा के पास पुरानी टेहरी निवासी दोनों बहनें इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रही हैं. लॉकडाउन के दौरान 12 मई को इंदौर से अपनी दो सहेलियों के साथ कार से टीकमगढ़ आई थीं. 13 मई को टीकमगढ़ पहुंचने पर दोनों बहनों का स्वास्थ्य विभाग ने सेंपल लिया और होम क्वारैंटाइन कर दिया था. शुक्रवार रात दोनों सगी बहनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई.
हालांकि, इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम छात्राओं के घर पहुंची और दोनों को अस्पताल ले जाकर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया. शाम को फिर स्वास्थ्य विभाग की टीम छात्राओं के घर पहुंची और परिवार के अन्य सदस्यों से क्वारैंटाइन सेंटर चलने को कहा. लेकिन परिवारवालों को घर से बाहर निकलता देख इनका पालतू कुत्ता शेरू जोर-जोर से भोंकने लगा. परिजनों ने पड़ोसियों से कुत्ते को रखने कहा तो कोई राजी नहीं हुआ. इसके बाद परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम से कहा कि हम 14 दिन क्वारैंटाइन सेंटर में रहेंगे तो इस पालतू जानवर का ध्यान कौन रखेगा और ये भूख से ही मर जाएगा.
बता दें की इसके बाद परिवार को लेने आए स्वास्थ्य विभाग के टीम के कर्मचारियों ने अपने अधिकारियों से इस विषय पर बात की. पहले अधिकारियों ने मना कर दिया. इसके बाद कर्मचारियों ने ये बात परिजनों को बताई तो उन्होंने जाने से मना कर दिया. करीब आधा घंटे तक परिजनों और स्वास्थ्य विभाग की टीम के बीच बातचीत चलती रही. इसके बाद एक बार फिर कर्मचारियों ने अपने अधिकारियों को फोन लगाया. परिजनों और कुत्ते की मजबूरी बताई तो अधिकारियों ने भी कुत्ते को क्वारौंटाइन सेंटर ले जाने की मंजूरी दे दी. इसके बाद स्वास्थ्य कर्मचारी परिजनों को भी क्वारैंटाइन सेंटर लेकर चले गए.
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