सिक्योरिटी गार्ड की अनोखी देशभक्ति

सिक्योरिटी गार्ड की अनोखी देशभक्ति
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देशभक्ति कभी भी किसी काम की मोहताज नहीं है, देशभक्ति के लिए जरूरी नहीं कि आप बॉर्डर पर जाकर दुश्मन देश से जंग करो, अगर आपके दिल में देश के लिए प्यार और समपर्ण हो, तो देशभक्ति का अपना खुद का रास्ता निकाल सकते है. जी हाँ ऐसी ही एक देशभक्ति की मिसाल राजस्थान के जितेंद्र सिंह गुर्जर ने पेश की है. पेशे से सुरक्षा कर्मी जितेंद्र का हमेशा से सपना था आर्मी में भर्ती होने का लेकिन अपनी कम हाइट की वजह से यह सपना पूरा नहीं कर पाए, बावजूद अपने अंदर स्थित देशभक्ति का जज्बा कभी मरने नहीं दिया और अब लिखते है शहीदों के परिवार को ख़त.
 
राजस्थान के भरतपुर में रहने वाले जितेंद्र, वैसे तो आर्मी में भर्ती नहीं हो सके लेकिन देशभक्ति का जो तरीका उन्होंने ढूंढ निकाला है, वह काबिल-ऐ-तारीफ है. अपनी किशोर अवस्था से ही जितेंद्र के अंदर ऐसा जुनून था जिसको पूरा करने के लिए जितेंद्र, शहीदों के परिवार को ख़त लिखते है. जितेंद्र अब तक 4000 ऐसे ख़त लिख चुके है. हर ख़त शहीदों के लिए श्रंद्धाजली का काम करता है,  जितेंद्र अपने शब्दों से शहीदों के परिवार के लिए मरहम का काम करते है, साथ ही शहीदों की विधवा बीवी या माँ-बाप को एहसास दिलाते है कि आपके पति या बेटे ने देश के लिए जो कुरबानी दी है उसपर देश के लोगो को आप पर गर्व है.
 
आपको बता दें, जितेंद की यह देशभक्ति क्षणिक या मौसमी नहीं है, यह काम जितेंद्र पिछले 17 सालों से लगातार कर रहे है. हालांकि जितेंद को अफसोस है कि, वो शहीदों के परिवार की आर्थिक मदद नहीं कर पाते लेकिन खुद से जितना बन सकता है, अपने शब्दों से कमी पूरी जरूर करते है. इतना ही नहीं जितेंद्र का खुद का शहीद संग्रहालय है जिसमें उन्होंने कारगिल वॉर से अब तक 40,000 शहीदों की जानकारी एकत्रित कर रखी है. जितेंद्र का मानना है कि, जबतक वह जीवित है और लिखने में सक्षम है, तब तक यह कार्य करते रहेंगे.
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