न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र की आपदा न्यूनीकरण एजेंसी ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से चक्रवाती तूफान फोनी की पूर्व चेतावनियों की “तक़रीबन अचूक सटीकता” की तारीफ की है. इन चेतावनियों ने जनता को बचाने और जनहानि को बेहद कम करने की सटीक योजना तैयार करने में अधिकारियों की सहायता की और पुरी तट के निकट इस चक्रवाती तूफान के टकराने के बाद अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकी.
भारत में गत 20 वर्षों में आए इस सबसे भयंकर तूफान ने भारत के पूर्वी प्रदेश ओडिशा के तट से टकराने के बाद कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई. तीर्थस्थल पुरी में समुद्र तट के पास स्थित इलाके और अन्य जगह भारी बारिश के कारण जलमग्न हो गई, जिससे प्रदेश के करीब 11 लाख लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. भारतीय मौसम विभाग ने फोनी तूफ़ान को “अत्यंत भयावह चक्रवाती तूफान” की केटेगरी में रखा है.
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां फोनी की गति पर पास से निगाह बनाए हुए हैं और बांग्लादेश में शरणार्थी शिविरों में रह रहे लोगों को बचाने का इंतजाम कर रही हैं. यह तूफान पश्चिम बंगाल से गुजरने के बाद बांग्लादेश पहुंच चुके है, जिस कारण वहां अलर्ट रखा गया है. इस मामले में आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि मामी मिजुतोरी ने कहा है कि, “अत्यंत प्रतिकूल हालातों के प्रबंधन में भारत का हताहतों की तादाद बेहद कम रखने का दृष्टिकोण सेनदाई रूपरेखा के क्रियान्वयन में और ऐसी घटनाओं में ज्यादा जिंदगियां बचाने में अहम् योगदान है.”
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