हैदराबाद: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा है कि यूनाइटेड नेशंस को विचार-विमर्श करके आतंकवाद की परिभाषा निर्धारित करनी चाहिए और फिर आतंकवादी संगठनों को अलग थलग करने के लिए एक विशेष कार्य योजना तैयार करनी चाहिए। उपराष्ट्रपति नायडू ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित किए गए एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि इसलिए आतंकवाद को ख़त्म किया जाना चाहिए।
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उन्होंने कहा है कि पूरे विश्व को एक-साथ आना चाहिए और उन लोगों की पीड़ा को समझना चाहिए जो आतंकवाद से प्रभावित हो रहे हैं और इसे समाप्त करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा है कि इसलिए मैं हर मंच से कह रहा हूं कि यूनाइटेड नेशंस को इस बात पर विचार करना चाहिए कि आतंकवाद की परिभाषा क्या है। उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा है कि वे वर्षों से इस पर चर्चा कर रहे हैं और उन्हें आतंकवादी संगठनों को अलग थलग करने के लिए एक कार्य योजना के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
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आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच गहरा रहे तनाव पर गंभीर चिंता जताई थी और दोनों पक्षों से सार्थक आपसी सहयोग के लिए त्वरित कदम उठाने के लिए कहा था। यूनाइटेड नेशंस ने पाकिस्तान को भी चेताते हुए कहा था कि उसे अपने मुल्क में पल रहे आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए।
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