कोरोना महामारी के मध्य अमेरिका, रूस और ईरान में तनाव बढ़ने के आसार है. अमेरिका ने ईरान पर सभी प्रतिबंध दोबारा लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र को एक खत सौंपा है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने संयुक्त राष्ट्र से बताया है कि ईरान ने 2015 में हुए परमाणु समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है.
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अमेरिका ने तेहरान पर गैर-अनुपालन का आरोप लगाते हुए 15 मेंबर्स वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को गुरुवार को एक पत्र सौंपा. पत्र में बताया गया है कि ईरान ने समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है, लिहाजा सभी निलंबित प्रतिबंधों को दोबारा लागू किया जाना चाहिए. हालांकि, यह बात अलग है कि रूस जैसी प्रमुख शक्तियां अमेरिका के इस कदम से विरूध्द हैं. रूस का मानना है कि प्रतिबंधों बहाल नहीं किया जाना चाहिए.
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बता दे कि ईरान ने अमेरिका के आरोपों को खारिज करते हुए बताया है कि वॉशिंगटन के पास फिर से प्रतिबंध लगाने का कोई हक नहीं है. ईरान ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों को अमेरिकी प्रस्ताव को अस्वीकार करने की मांग भी की है. विदित हो कि ईरान पर लगे प्रतिबंधों में 2015 परमाणु समझौते के बाद नरमी आयी थी, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो साल पहले अमेरिका को इस समझौते से अलग कर लिया. पिछले सप्ताह ईरान के हथियार रखने पर अनिश्चितकाल के लिए पाबंदी लगाने का अमेरिका का प्रयास विफल रहा. अब अमेरिका कूटनीतिक माध्यम से अपना हित साधना चाहता है.यूएन को लिखे पत्र में माइक पोम्पियो ने कहा है कि ईरान ने समझौते की कई शर्तों का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा है कि ईरान ने 3.67% से अधिक यूरेनियम भंडार इकठ्ठा किया है, जो कि समझौते का उल्लंघन है.
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