नई दिल्लीः देश में शिक्षा के हर क्षेत्र में कुछ न कुछ खामी देखने को जरूर मिलती हैं. चाहे बात बच्चों की हो, शिक्षको की हो या शैक्षणिक संस्थानों की हालात सबके खस्ता हैं. साथ ही कही-कही हालात ये भी हैं कि कुछ शैक्षणिक संस्थान बच्चों से अधिक फीस का भुगतान करवा लेते हैं, और फिर उनकी फीस को वापस भी नहीं किया जाता हैं. ऐसा ही एक ताज़ा मामला देखने को मिला हैं. उपभोक्ता न्यायालय फोरम ने एक छात्र की फीस न लौटाने पर पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय को उससे ली गई राशि ब्याज सहित लौटाने के निर्देश दिए हैं.
क्या है मामला... छात्र अभिषेक द्वारा 4 वर्ष पूर्व साल 2013 प्री-वैटर्नरी टैस्ट पास किया गया था, इस टेस्ट को पास करने के बाद विश्वविद्यालय द्वारा करीब 2 लाख 5 हजार रुपए फीस के रूप में मांग की गई, छात्र द्वारा यह राशि महाविद्यालय को जमा भी करा दी गई. इस दौरान छात्र अभिषेक को एम.बी.बी.एस. में प्रवेश मिल गया. एम.बी.बी.एस. में प्रवेश के बाद छात्र द्वारा फीस लौटाने की मांग की गई, लेकिन इसके लिए महाविद्यालय ने फीस लौटाने से मना कर दिया. जबकि काऊंसलिंग में खाली सीट का पुनर्भरण भी कर दिया गया था.
फोरम के द्वरा प्राप्त जानकारी... फोरम के अध्यक्ष अमर चंद सिंघल, सदस्य पुखराज जोशी तथा इंदू सोलंकी ने कहा कि महाविद्यालय का व्यवहार अनुचित है इसलिए वह छात्र द्वारा जमा करवाई गई फीस 9 प्रतिशत ब्याज सहित उसे लौटा दे
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