इंडियन सिनेमा के गाने और डायलॉग्स में अपनी कलम से रंग भरने वाले मशहूर कवी और लेखक जावेद अख्तर साहब को किसी परिचय की ज़रूरत नहीं है. आइये जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातों को-
1. उनकी पिता के कविता के अनुसार जावेद साहब का नाम जादू रखा गया था. उस कविता के बोल कुछ यूं थे : 'लम्हा-लम्हा किसी जादू का फ़साना होगा'. जब उन्होंने गौर किया कि जावेद नाम जादू से मिलता जुलता है, तब फिर उनका नाम जावेद अख्तर रख दिया गया.
2. आज जावेद जो कुछ भी उन्होंने वह बहुत मेहनत से कमाया है. 4 अक्टूबर 1964 को मुंबई में कदम रखने वाले जावेद के पास खाने से लेकर रहने तक का ठिकाना नहीं था. कुछ समय खाली सड़कों और खुले आसमान के नीचे रात बिताने के बाद उन्हें कमल अमरोही के स्टूडियो में जगह मिली.
3. बॉलीवुड इतिहास की बहुचर्चित सलीम जावेद की जोड़ी फिल्म 'सरहदी लुटेरा' के दौरान बनी थी. इस फिल्म में सलीम ने हीरो की भूमिका निभाई थी. बाद में इस जोड़ी ने बॉलीवुड को कई तराने और अफ़साने परोसे.
4. इस दो इंसान की जोड़ी को एक बनाने का क्रेडिट मशहूर डायरेक्टर एसएम सागर को जाता है. अपनी मूवी के लिए राइटर न मिलने के कारण सागर ने इन्हे साइन किया था.
5. इस जोड़ी की तुकबंदी इतनी सही थी कि फिल्मों में लिखते समय सलीम साहब स्टोरी आईडिया दिया करते थे वही जावेद साहब डायलाग में अपना अंदाज़ पेश करते थे.
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