रविवार सुबह उन्नवा दुष्कर्म केस में अलग मोड़ आ गया जब पीड़िता के परिवारीजन ने शव का अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया. दुष्कर्म पीड़िता की बड़ी बहन के घर नहीं पहुंचने के कारण प्रशासन को सुबह अंतिम संस्कार करने की बात कहने वाला परिवार रविवार सुबह पलट गया. बड़ी बहन के घर पहुंचने के के बाद पीड़ित परिवार इस जिद पर अड़ गया कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं आते शव नहीं दफनाया जाएगा. नौकरी और सुरक्षा की मांग की गई. हालांकि दोपहर बाद तक पुलिस और प्रशासन के अफसर पीड़ित परिवार को मनाने में कामयाब रहे. उनके आश्वासनों के बाद पीड़ित परिवार अंतिम संस्कार के लिए मान गया. अब पीड़िता के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा है.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दुष्कर्म पीड़िता के परिवारीजन द्वारा सुबह शव के अंतिम संस्कार से इन्कार करने के बाद दोपहर तक उनको मनाने का क्रम चलता रहा. उन्नाव के जिलाधिकारी ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी से परिवारीजन की फोन पर वार्ता करवाई. अपर मुख्य सचिव ने दुखी परिवार को ढांढस बंधाते हुए दो आवास और मृतका के भाई को नौकरी दिये जाने का आश्वासन दिया है.इसके बाद दुखी परिवार वालों ने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की और शव को उठाया.
शुक्रवार रात दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो जाने के बाद शनिवार रात करीब 9:08 बजे उसका शव गांव पहुंचा. रात को पीड़िता की बड़ी बहन के नहीं पहुंचने के कारण प्रशासन को सुबह अंतिम संस्कार करने की बात कहने वाला परिवार रविवार सुबह पलट गया. बड़ी बहन के आने के बाद परिवार इस जिद पर अड़ गया कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं आते शव नहीं दफनाया जाएगा. साथ ही परिवार ने एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की शर्त भी रख दी है. पीड़िता की बड़ी बहन ने उन्नाव से लेकर लखनऊ तक इलाज ठीक से नहीं होने का आरोप भी लगाया है. उनका कहना है कि उनकी बहन कर तड़प-तड़प कर मर गई.
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