लखनऊ: हाल ही में उन्नवा दुष्कर्म केस में रविवार सुबह अलग मोड़ आ गया जब पीड़िता के परिवारीजन ने शव का अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया. दुष्कर्म पीड़िता की बड़ी बहन के घर नहीं पहुंचने के कारण प्रशासन को सुबह अंतिम संस्कार करने की बात कहने वाला परिवार रविवार सुबह मुकर गया. शर्त रख दी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने के बाद ही अंतिम संस्कार होगा. परिवार की इस मांग की जानकारी प्रशासन ने शासन को दी. उसके बाद सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और कमल रानी वरुण की मौजूदगी में शव को दफनाया गया.
सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम: हम आपको बता दें कि परिवार की सहमति पर शव दफना दिए जाने के बाद पीड़िता की छोटी बहन ने सरकार को चेतावनी दी कि जो मांगे की गई हैं अगर वह एक सप्ताह में पूरी नहीं की जाती हैं तो वह विधानसभा भवन के सामने परिवार के साथ धरने पर बैठ जाएगी. इससे पहले पीड़िता की बड़ी बहन ने उन्नाव से लेकर लखनऊ तक इलाज ठीक से नहीं होने का आरोप भी लगाया. उनका कहना है कि उनकी बहन कर तड़प-तड़प कर मर गई. बहन का कहना है कि पीड़िता ने अंतिम सांस लेते वक्त पूछा था कि सभी गिरफ्तार हुए कि नहीं, उसने सबको सजा दिलाने का वादा भी लिया था.
सपा और कांग्रेस नेता मौजूद रहे: वहीं सूत्रों का कहना है कि कल शाम से पीड़िता के घर पर मौजूद सपा नेता एमएलसी सुनील यादव `साजन` और पार्टी जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव शव दफनाने के वक्त भी मौजूद रहे. वहीं पूर्व सांसद अन्नू टंडन ने युवा कांग्रेस नेता अंकित परिहार के साथ पीड़िता के घर जाकर पार्टी की ओर से पांच लाख की मदद देने के बाद अंतिम संस्कार में भी शिरकत की.
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