लगातार चौथी बार बड़े भाई कुलदीप के विधायक चुने जाने के साथ समाजवादी पार्टी नेतृत्व से बगावत कर भाभी संगीता को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने में भी मनोज सिंह सेंगर की अहम भूमिका रही. रावण की पूजा करने वाले मनोज को खुद को लंकेश कहलाना बहुत पसंद था.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुलदीप सिंह सेंगर के लगभग सभी चुनाव में विधायक के अलावा चुनाव प्रचार के दौरान मनोज का दबंग चेहरा अलग से प्रचार में जुटता था, या फिर यह कहें कि जो सामान्य रूप से नही साथ आता उसे समर्थन के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी मनोज सिंह सेंगर की होती थी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उन्नाव में ग्राम प्रधान से चार बार विधायक चुने जाने तक अजेय रहे कुलदीप सिंह सेंगर जहां जिले की राजनीति में खुद में चमकने के लिए सत्ता बल का प्रयोग करते थे तो दूसरी तरफ मनोज सिंह सेंगर ने अपने दबदबे से वाहन अड्डों पर वसूली, खनन और जमीन के कारोबार में अपना सिक्का जमा रखा था, जायज या नाजायज जिस भी कारोबार से लंकेश का नाम जुडऩे के बाद किसी की उसमें हाथ डालने की हिम्मत ताकत नही थी.
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