लखनऊ: कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन से पटरी से उतरी इकोनॉमिक्स में बेहतरी का सिलसिला जारी है. बीते माह अगस्त की राजस्व प्राप्तियां गत वर्ष इस माह के मुकाबले 600 करोड़ रुपये से ज्यादा रही है. जीएसटी, आबकारी के साथ भूतत्व तथा खनिकर्म का शानदार प्रदर्शन सामने आया है. परन्तु साल 2020-21 के लिए राजस्व संग्रह के निर्धारित उद्देश्य को प्राप्त कर पाना सरल नहीं है. वही कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के समय में राजस्व प्राप्तियों पर काफी खराब प्रभाव पड़ा है.
गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा एवं वित्त, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मीडिया से बातचीत में राज्य की आर्थिक गतिविधियों में सुधार का लेखा-जोखा हाजिर किया. खन्ना ने बताया कि आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाते हुए पहले की भांति रफ़्तार से आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. तत्कालीन वित्तीय साल की जुलाई में आर्थिक गतिविधियों के बेहतर होने का सिलसिला आरम्भ हुआ था, जो अगस्त-2020 में भी जारी रहा तथा रेवेन्यू का संग्रह बढ़ा है.
आगे उन्होंने बताया कि अगस्त, 2019 में तमाम मदों के अन्तर्गत 8942.76 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला था. अगस्त-2020 में इन मदों में टोटल 9545.21 करोड़ रुपये का रेवेन्यू संग्रह हुआ है. यह 602.45 करोड़ रुपये ज्यादा है. फाइनेंस मिनिस्टर ने बताया कि जीएसटी/वैट के तहत अगस्त-2019 में 5126.56 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. अगस्त-2020 में इस मद में रेवेन्यू संग्रह बढ़कर 5329.58 करोड़ रुपये हो गया है. इसी के साथ ये प्राप्ति देश की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकती है, तथा सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
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