लखनऊ: उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए श्रावस्ती से नूर आलम नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। नूर आलम पर आरोप है कि वह देश के वैज्ञानिक संस्थानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी को पाकिस्तान तक पहुंचा रहा था। वह इन जानकारियों को टेलीग्राम चैनल और डार्क वेब के माध्यम से एक निजी ग्रुप पर साझा करता था और इसके बदले में क्रिप्टो करेंसी और यूपीआई के जरिये लाखों रुपये वसूलता था।
एटीएस के अनुसार, नूर आलम पिछले दो साल से इस फर्जीवाड़े में शामिल था और अब तक 10 लाख रुपये तक की वसूली कर चुका है। उसने अपना एक पेड निजी ग्रुप बना रखा था, जिसमें देश और विदेश के लगभग 70 लोग जुड़े हुए थे। उसके पास से बरामद नंबरों में सबसे ज्यादा पाकिस्तान के थे। एटीएस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने देश की सुरक्षा से संबंधित कोई जानकारी तो नहीं साझा की है। नूर आलम, जो 23 साल का है, बलरामपुर जिले के सादुल्लानगर के भेलया गांव का निवासी है और उसने केवल हाईस्कूल तक पढ़ाई की है। उसके पिता शफाहत अली गांव में एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। एटीएस को कुछ समय पहले सर्विलांस के जरिये नूर आलम की गतिविधियों की जानकारी मिली थी।
जांच में यह पता चला है कि नूर आलम टेलीग्राम ऐप के जरिए देश-विदेश के कई लोगों से जुड़ा हुआ था। वह वीपीएन, ऑरबोट, और टॉर ब्राउजर का इस्तेमाल कर डेटा डाउनलोड करता था और इस डेटा को साझा करने के लिए उसने एक निजी चैनल बनाया हुआ था। एटीएस ने यह भी बताया कि उसने अपने मोबाइल में कई ऐप्स छिपा रखे थे और उसने बैंक डिटेल्स, आधार कार्ड, संस्थानों और विदेशों से भी कई छोटी-बड़ी जानकारियां जुटाई थीं, जिन्हें वह अपने ग्रुप में साझा करता था।
पूछताछ के दौरान, नूर आलम ने बताया कि वह अपने निजी चैनल पर साझा किए गए डेटा के बदले क्रिप्टो करेंसी में रकम लेता था, ताकि उसकी पहचान गुप्त रहे। इसके बाद वह इस क्रिप्टो करेंसी को क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप के माध्यम से अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर लेता था।
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