कानपुर: कोविड की दूसरी लहर में कई लोगों ने अपने अपनों को खो चुके है। लोग अपने मृत परिजनों की रिपोर्ट के लिए यहाँ वहां भाग रहे है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता अपने पिता की मौत की वजह पता करने के लिए बीते 5 दिनों से हैलट हॉस्पिटल में निरंतर चक्कर लगा रहे हैं। 19 मई को उनके पिता गयाप्रसाद को हैलट में भर्ती किया गया था। उनकी मौत 22 मई को हो गयी। अब उनका बेटा योगेंद्र कुमार हर दिन फतेहपुर से आकर पिता की मौत में कारणों का पता करने का प्रयास कर रहा है।
जंहा इस बात का पता चला है कि योगेंद्र कुमार पिता की तबियत 18 मई को बिगड़ने के उपरांत फतेहपुर से हैलट लेकर आ गए थे। 19 को भर्ती कराया गया। कोविड के लक्षण मिलने पर सैंपल लिया जा चुका है। सैंपल को जांच के लिए लैब भेज दिया गया है। इस दौरान उनका उपचार इमरजेंसी में शुरू किया गया था। 20 तारीख़ को गयाप्रसाद को कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था। उंन्होने फोन पर योगेंद्र को कहा कि यहां उनका इलाज सही से नहीं हो रहा है।
योगेंद्र के पिता की मौत को 5 दिन हो चुके हैं: योगेंद्र का बोलना है कि उनके पिता की मौत के 5 दिन हो गए हैं। अभी तक उनकी मौत की वजह का पता नहीं चल पाया है। ऐसे में उनके उपचार के बीच जो निजी हॉस्पिटल में रकम खर्च हुई जिसका क्लेम भी नहीं मिल पा रहा है। हैलट में जो सैंपल लिया गया था, उसकी भी रिपोर्ट नहीं आई है। ऑनलाइन सैंपल के रिकॉर्ड को देखने पर सैंपल नॉट सबमिटेड मिल रहा है। इस पर 22 तारीख से लेकर 27 तारीख तक निरंतर हैलट के चक्कर लगा रहे हैं। प्रयास कर रहे हैं कि उनको अपने पिता की मौत को कारणों का पता चल सके।
इस पूरे केस पर जब हैलट के प्राचार्य डॉक्टर आरबी कमल से बात कर चुके है, तो उन्होंने बोला कि केस को संज्ञान में लेकर वह दिए गए सैंपल के रिकॉर्ड निकलवाएंगे। वह यह भी मालूम करेंगे कि यह गलती हुई कैसे। उन्होंने कहा की रिपोर्ट मृतक के परिजनो तक पहुंचाई जाएगी।
राहत! 44 दिन बाद देश में आए सबसे कम कोरोना मामले, 3660 मरीजों ने तोड़ा दम