लखनऊ। उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में हुई हिंसा को लेकर की गई जांच रिपोर्ट राज्य सरकारन ने गृहमंत्रालय को दे दी है। मिली जानकारी के अनुसार इस रिपोर्ट में सहारनपुर में सांप्रदायिक और जातीय हिंसा हेतु प्रशासनिक लापरवाही को जवाबदार माना गया है साथ ही भीम सेना के कार्यकर्ताओं को भी इस हिंसा का कारक माना गया है। दूसरी ओर हिंसा को लेकर बसपा प्रमुख मायावती की मायावती की रैली में कुछ नेताओं द्वारा महिलाओें पर टिप्पणियां करने की बात कही गई थी।
जिसमें कहा गया कि इन नेताओं ने दलित समुदाय की महिलाओं पर टिप्पणियां कीं और फिर हिंसा के हालात बने। रिपोर्ट में शामिल किया गया है कि सहारनपुर में दोनों अधिकारियों के बीच किसी तरह का समन्वय नहीं था। जिसके कारण हिंसा को नियंत्रित करने में परेशानियों का सामना करना पड़ गया था। हिंसक घटना के लिए भारतीय जनता पार्टी के सांसद राघव लखनपाल को भी जवाबदार बताया गया है। सहारनपुर हिंसा में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर व बीएसपी के पूर्व विधायक रविंदर उर्फ मोलू का नाम भी मिलया जा रहा है।
इतना ही नहीं यह आरोप लग रहा है कि भीम आर्मी ने राजपूत व दलित के बीच हिंसा भड़काने का कार्य किया। सांसद ल खनपाल पर आरोप लगाए गए हैं कि वे शोभायात्रा को अल्पसंख्यक क्षेत्र में जानबूझकर ले गए और तो और शोभायात्रा के आयोजन को लेकर किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी।
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