लखनऊ: 'घर का भेदी लंका ढाए' यह कहावत फ़िलहाल बसपा पर पूरी तरह फिट बैठती नजर आ रही है क्योंकि बीएसपी से बाहर हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पार्टी सुप्रीमो मायावती के बड़े राज खोलने शुरू कर दिए हैं. बीएसपी में सदस्यता और टिकट देने के बदले वसूली के जो आरोप पहले से लगते रहे हैं, उन्हें नसीमुद्दीन सिद्दीकी उजागर कर रहे हैं.
बता दें कि नसीमुद्दीन और मायावती के बीच दो दिन से चल रही वार-पलटवार की लड़ाई में सबसे बड़ा खुलासा बीएसपी के सदस्यता अभियान को लेकर हुआ है. बीएसपी के सदस्यता के तौर तरीके को मायावती का वसूली मॉडल बताया जा रहा है.मायावती पर सदस्यता के नाम पर जिस वसूली करने के आरोप लगते रहे है जिन्हें उनके अपने करीबी ही सरे आम कर रहे है.बीएसपी के पूर्व नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि किताब का मतलब एक लाख से एक करोड़ तक होता है. किताब बीएसपी का एक कोडवर्ड है.
कहा जा रहा है कि बीएसपी में सदस्यता अभियान किसी रहस्य से कम नहीं है. दावा है कि बीएसपी का सदस्य बनने के लिए सदस्यता कूपन खरीदना पड़ता है. 18 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति सदस्य बन सकता है. चुनाव आयोग के सामने 20 साल से बीएसपी यही बता रही है कि उसने हमेशा इन्हीं कूपनों के जरिए सदस्य बनाए हैं. बीएसपी 50 रु के कूपन के जरिए सदस्य बनाने का दावा करती है.बीएसपी का कहना है कि पिछले बीस साल में उसे कभी बीस हजार से एक रुपया भी ज्यादा का चंदा नहीं मिला. उधर, मायावती ने जब नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बाहर करने का कारण यही किताब को जमा नहीं करना बताया, तो सिद्दीकी ने कल एक औऱ ऑडियो टेप जारी कर इसे खारिज कर दिया.
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