लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार मंत्री और अधिकारियों के स्तर पर भ्रष्टाचार रोकने की कोशिश में लग गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सचिवालय प्रशासन ने कई बड़े फैसले लिए हैं. फैसलों के तहत इस बार मंत्रियों को अपने मनचाहे निजी सचिव नहीं मिलेंगे. अब मंत्रियों को निजी सचिव देने के लिए अधिकारियों का एक पूल तैयार किया गया है. अब राज्य में रोटेशन के हिसाब से मंत्रियों और अधिकारियों को निजी सचिव मिलेंगे.
बता दें कि, इससे पहले निजी सचिव बनने के लिये भी अधिकारी अपनी लॉबिंग करते थे. इस बार उनका पैनल तैयार किया जा रहा है, जिसमें 70 महिला अधिकारी शामिल होंगी. इतना ही नहीं इस बार 70 महिला अधिकारी बतौर निजी सचिव मंत्रियों के साथ काम पर लगाई जाएंगी. प्रत्येक मंत्री के साथ 1 महिला निजी सचिव होना अनिवार्य किया गया है. सचिवालय प्रशासन ने यह भी फैसला किया है कि मंत्रियों के पुराने निजी सचिव अधिकारियों के साथ लगाए जाएंगे जबकि अधिकारियों के साथ काम कर चुके निजी सचिव मंत्रियों के साथ लगाए जाएंगे.
बता दें कि सभी कैबिनेट मंत्रियों को 1 PS और 2 APS मिलते हैं. स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों को भी 1 PS और 2 APS मिलते हैं, जबकि राज्यमंत्रियों को 1 PS और 1 APS दिए जाते हैं. पहले मंत्री अपनी इच्छानुसार अपने निजी सचिव सचिवालय प्रशासन से मांग लेते थे, मगर अब उन्हें लाटरी मे प्राप्त अधिकारियों से संतोष करना पड़ेगा.
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