यूपी के निर्दलीय विधायक अमरमणि त्रिपाठी को बदरीनाथ का पास जारी करने के मामले में स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है। सरकार यह मान रही है कि पास जारी करने में अधिकारियों ने चूक की है। लेकिन चूक किस स्तर से हुई है, इसके लिए अलग से जांच करवाने से सरकार बचती दिख रही है।इसके साथ ही विधायक को साथियों सहित तीन वाहनों में बदरीनाथ और केदारनाथ जाने का पास जिलाधिकारी देहरादून कार्यालय ने जारी किया था। वहीं पुलिस पड़ताल में सामने आया कि पास मुख्यमंंत्री के अपर सचिव ओम प्रकाश के जिलाधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव को भेजे पत्र पर जारी हुआ है।गाइडलाइन तय होने के बावजूद जिलाधिकारी ऑफिस ने पास जारी कर दिया। वरिष्ठ अफसरों पर सवाल उठने के बावजूद जांच कमेटी गठित नहीं की। जबकि विपक्ष लगातार जांच कमेटी गठित करने की मांग कर रहा है, पर सरकार इससे बचती दिख रही है।
सरकार को पुलिस जांच पर भरोसा
सरकार को भरोसा है कि पुलिस जांच से पास जारी करने में हुई चूक का पता लग जाएगा। कांग्रेस ने इस मामले में सरकार पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि एक छोटा सा पुलिस अधिकारी सीनियर आईएएस अफसर की जांच क्या करेगा? सरकार नौकरशाह को बचाने का प्रयास कर रही है।
अनुशासनहीनता में कुंवर जपेंद्र को नोटिस
वहीं प्रदेश भाजपा ने पार्टी के प्राथमिक सदस्य कुंवर जपेंद्र सिंह को अनुशासनहीनता के मामले में कारण बताओं नोटिस जारी किया है। उन पर समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया में प्रदेश सरकार और संगठन के खिलाफ गलत प्रचार करने का आरोप है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के निर्देश पर जपेंद्र सिंह को यह नोटिस जारी किया गया है।
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