लखनऊ: राज्य सरकार ने मनरेगा एवं अन्य प्रोजेक्ट में कार्यरत महिला मजदूरों को निर्माण स्थान पर ही पोषाहार प्राप्त कराने का निर्णय किया है. इसके अनुसार इन मजदुर महिलाओं को आंगनबाड़ी पर प्राप्त होने वाली सभी व्यवस्थाएं कार्यस्थल पर प्राप्त कराई जाएंगी. चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेज एंड नुट्रिशन डिपार्टमेंट ने ‘आंगनबाड़ी मोबाइल वैन सर्विस’ आरम्भ करने का प्रस्ताव तैयार किया है.
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान बेहद संख्या में प्रवासी मजदूरों की राज्य में वापसी हुई है. इनमें महिला मजदूरों की भी संख्या बहुत है. बेहद महिला मजदुर अब अपने समीप के क्षेत्र में ही मजदूरी कर रही हैं. इनमें से बहुत सी महिलाएं कुपोषण से पीड़ित हैं. ज्यादातर धात्री एवं प्रेग्नेंट महिला भी श्रम कर रही हैं. ऐसी अवस्था में इन मजदूरों को चाइल्ड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट की रणनीतियों तथा आंगनबाड़ी सेंटरों की सर्विस का मुनाफा प्राप्त नहीं हो पा रहा है.
वही इसके चलते गवर्मेंट ने कार्यस्थल पर ही व्यवस्था प्रदान कराने का निर्णय किया है. विशेष रूप से राज्य के 8 आकांक्षात्मक शहरों पर ध्यान दिया जाएगा. चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता वाली पोषण अभियान और स्टेट पोषण मिशन की कार्यकारी कमिटी, स्टेट लेवल सेक्शनिंग कमिटी , 5वीं स्टेट कनवर्जेन्स समिति ने जून में ही इस प्रस्ताव को अनुमति दे दी थी. प्रस्ताव के अनुसार, सभी मोबाइल वैन मोबाइल फोन से लैस रहेंगी, जिससे जरुरत के अनुसार महिला मजदूरों द्वारा कांटेक्ट किया जा सके. इसी के साथ महिला श्रमिकों को इस सहायता से काफी राहत प्राप्त होगी.
माफिया अतीक अहमद का आवास हुआ ध्वस्त, मचा हड़कंप
चुनाव के दौरान नीतीश कुमार ने कब्रिस्तान को भी नहीं छोड़ा, कहा- हमने कराया बाउंड्री का निर्माण
JDU ने दी चिराग पासवान को चेतावनी, पूछा- 'आपत्ति क्यों है...'