हमेशा किसी न किसी कारण से पुलिस खबरों में बनी रही है. इसमें उनके अच्छे कामों के साथ-साथ वीरतापूर्ण कारनामें भी शामिल हैं. लेकिन, इससे हटकर कई बार तरह-तरह की हरकतें करती हुई नजर आती है, जिसके चलते वह खबरों में ज्यादा रहती है. अब सुर्खियां बटोरने के लिए नई घटना उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से आई है, जहां पुलिस के अदिकारी नियमित वाहन जांच के लिए नागरिकों को रोक रहे हैं और उनकी चेकिंग बंदूक की नोक पर कर रहे हैं. भले ही यह काफी विचित्र लग रहा हो, लेकिन यह इस क्षेत्र में कुछ समय से हो रहा है और यहां के कुछ वीडियो क्लिप हाल ही में वायरल हुए हैं जो इस मामले को आगे बढ़ाते हैं. हाल ही का वीडियो ANI UP ने अपने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट किया है जिसमें पुलिस जांच के नाम पर लोगों को परेशान करती हुई दिख रही है.
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हाल ही सामने आए इस वीडियो में बदायूं जिले में एक अलग समय से और विभिन्न स्थानों पर ली कई क्लिप देख सकते हैं. इसमें पुलिसकर्मी यात्रियों पर बंदूक तानते हुए और अपने वाहनों को चेक करते हुए उनके हाथ ऊपर करने के लिए मजबूर करते हुए दिखाई दे रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में एक क्लिप वजीरगंज में बगेन पुलिस चौकी पर शूट की गई और चौकी प्रभारी राहुल कुमार सिसोदिया ने यात्रियों को धमकियां दीं. इनमें से एक को हिंदी में निम्नलिखित कथन के साथ देखा जाता है - "अपने हाथ उठाओ, टांगे फैलाओ, अगर अपने हाथ नीचे किए तो गोली मार दी जाएगी. फिर यह मत कहना कि तुम्हें गोली मार दी गई। हेलमेट कौन लगाएगा? गोली मार दी जाएगी."
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इस मामले मे शहर और उसके आसपास रहने वाले नियमित लोगों का दावा है कि पुलिस द्वारा इस तरह की जाँच कुछ समय से एक दिनचर्या बन गई है. यात्रियों में से एक के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने महिला यात्रियों को इस ‘गनपॉइंट-चेक’ के बिना पास नहीं होने दिया. राज कुमार अग्रवाल, जो एक व्यवसायी हैं, ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, "यदि आप गाड़ी चला रहे हैं और पुलिस आपको रोकना चाहती है, तो वे हाथ में बंदूक लेकर आपके पास आएंगे. इस तरह का नियम आम आदमी के लिए बहुत डराने और अपमानजनक है. महिला चालक होने पर भी पुलिस कोई रियायत नहीं देती है."कहानी के दूसरे संस्करण के बारे में बात करते हुए, पुलिस अधिकारियों को यह कहते हुए बताया गया कि यात्रियों पर बंदूक से इशारा करने का यह उपाय क्षेत्र में अपराध पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "बदायूं एक अपराध प्रवण क्षेत्र है और हम अपनी बंदूकें बाहर रखते हैं क्योंकि आप कभी नहीं जानते कि कौन सा वाहन अपराधियों को ला रहा है. हमें तैयार रहना होगा."
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय ने सूचित और पूछताछ करने पर कहा है कि घटना की जांच शुरू की जाएगी और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जाएगी. आपको बता दें, अगर पुलिस बल वाहनों में गतिविधियों की जांच के दौरान फाइर आर्म्स का उपयोग करने के हकदार हैं, लेकिन केवल विशेष परिस्थितियों में. इसमें कर्फ्यू की स्थिति या ऐसी कोई भी स्थिति शामिल होनी चाहिए जिसके कारण प्रशासन द्वारा एक आधिकारिक चेतावनी पारित की गई है. इन यात्रियों के साथ जो हो रहा है, वह असंवैधानिक है और इसे शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न भी कहा जा सकता है. हमें उम्मीद है कि प्रशासन एक समाधान के साथ सामने आएगा और इन जैसे उपायों को होने से रोकेगा. ताकि किसी प्रकार की असुविधा से बचा जा सकेंं.
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