लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को हुई हिंसा के बाद हालात शांतिपूर्ण नजर आ रहे हैं, लेकिन इस घटना ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस एफआईआर दर्ज कर स्थानीय लोगों से पैसे वसूल रही है। उन्होंने इसे सिर्फ संभल का मामला नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में चल रही समस्या बताया।
डिंपल यादव ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने सुनियोजित तरीके से हिंसा को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को पिटीशन दायर होने के कुछ ही घंटों में सर्वे शुरू कर दिया गया, जबकि उस समय सबकुछ शांतिपूर्ण था। लेकिन प्रशासन ने 24 नवंबर को दोबारा सर्वे कराने का फैसला लिया, जिससे विवाद भड़का। डिंपल ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि सर्वे के दौरान नारेबाजी को क्यों नहीं रोका गया। उन्होंने इसे प्रशासन की नाकामी बताते हुए आरोप लगाया कि यह सब कुछ कुर्सी बचाने के लिए किया गया। उन्होंने इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने की मांग की है और दावा किया कि स्पीकर ने इस पर चर्चा का आश्वासन दिया है।
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी ने हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए और जांच एजेंसियों को निष्पक्षता से अपना काम करने देना चाहिए। इसके अलावा, अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर पर किए गए दावे को लेकर डिंपल यादव ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग देश को पीछे ले जाने और मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इसे रोजगार और अन्य महत्वपूर्ण विषयों से ध्यान हटाने की साजिश बताया। बीजेपी ने विपक्षी दलों से अपील की है कि वे हिंसा जैसे गंभीर मामलों पर राजनीति न करें और जांच को अपना काम पूरा करने दें।
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