लखनऊ: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उत्तर भारत में एक्टिव भीम आर्मी संगठन हाल ही में पश्चिमी यूपी और दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) हिंसा में प्रमुख संदिग्ध के रूप में उभरकर सामने आए हैं। PFI जहां चरमपंथी इस्लामिक संगठनों से संबद्ध है वहीं भीम आर्मी एक अंबेडकरवादी संगठन है।
उप्र राज्य खुफिया विभाग ने कुछ प्रमुख मोबाइल फोन नंबरों की कॉल डिटेल के आधार पर खुलासा करते हुए बताया है कि दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में बीते दो दिनों में आगजनी और फायरिंग की विभिन्न घटनाओं का संबंध भी इसी दौरान अलीगढ़ में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन से संबंधित है। राज्य की खुफिया रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि अलीगढ़ के अंबेडकर पार्क में प्रदर्शन करने वाले भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने नगर मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन देने के बाद PFI अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसी दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के छात्रों के एक दल ने भी भीम आर्मी और PFI नेताओं के साथ मुलाकात की थी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भीम आर्मी के नेतृत्व में एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल शहर के बीच एक धार्मिक स्थल पर पहुंचा, जहां उन्होंने पोस्टर हटाने आरंभ कर दिए और सरकार के खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिए। पुलिस द्वारा विरोध करने पर गुस्साई भीड़ ने पुलिस बल पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद शहर के अपर कोर्ट और जमालपुर क्षेत्र में भी हिंसा भड़क उठी, जहां पहले से ही CAA संबंधित विशाल विरोध प्रदर्शन चल रहा था।
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