नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया कि समायोजित किए गए 1.72 लाख शिक्षामित्र नहीं हटाए जाएंगे. लेकिन शर्त है कि दो भर्तियों के अंदर परीक्षा पास करनी होगी, जिसमे उन्हें अनुभव का भी वेटेज मिलेगा. यही नहीं कोर्ट ने टीइटी (TET) वालों को भी राहत दे दी .
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 1.72 लाख शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित किया जाना है. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ शिक्षा मित्रों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बता दें कि शिक्षामित्रों की ओर से सलमान खुर्शीद, अमित सिब्बल, नितेश गुप्ता, जयंत भूषण, आरएस सूरी सहित कई वरिष्ठ वकीलों ने पैरवी की थी . शिक्षामित्रों की ओर से पेश इन वकीलों का कहना था कि शिक्षामित्र वर्षों से काम कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनका भविष्य अधर में है. ऐसे में उन्हें सहायक शिक्षक के तौर पर जारी रखा जाना चाहिए. कोर्ट ने सभी दलीलें सुनने के बाद शिक्षामित्रों के पक्ष में फैसला सुनाया.
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