लखनऊ: राज्य सरकार के रविवार की साप्ताहिक बंदी ख़त्म करने के निर्णय को लेकर माना जा रहा है कि पुरानी व्यवस्था निर्धारित करने का निर्णय आर्थिक गतिविधियों को पूर्ण रूप से पटरी पर लाकर अर्थव्यवस्था को तेज गति देने के लिए ऐसा किया गया है. गवर्मेंट को अंदाजा है कि पितृपक्ष तथा मलमास के कारण सितंबर-अक्टूबर में मार्केट में मांग और भी कमजोर पड़ सकती है. इससे पटरी पर आती आर्थिक गतिविधियों को दोबारा बड़ा झटका लग सकता है.
वही गवर्मेंट ने आर्थिक गतिविधियों को किसी भी हालत में पीछे न जाने देने तथा आगे बढ़ाने की योजना पर बढ़ने का मैसेज दे दिया है. सीएम ने कहा है कि COVID-19 संक्रमण के प्रति व्यक्तियों को जागरूक करने के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को रफ़्तार से बढ़ाया जाए. ‘दो गज की दूरी तथा मास्क है आवश्यक’ के प्रति व्यक्तियों को खास तौर से जागरूक करते हुए आर्थिक गतिविधियां संचालित कराई जाएं.
साथ ही सीएम ने जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी के लिए खास कोशिश करने के लिए कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत ज्यादा से ज्यादा कारोबारियों का रजिस्ट्रेशन किया जाए. इन्वेस्टर्स तथा उद्यमियों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जाए. इनकी दिक्कतों का समयबद्ध तरीके से हल निकाला जाए. उद्यमों की सुगमतापूर्वक स्थापना से राज्य लाभान्वित होगा, तथा युवाओं को रोजगार के बेहतर मौके प्राप्त होंगे. सीएम स्वयं उद्योग बंधु की बैठक कर उद्यमियों से संवाद करेंगे. इसी के साथ राज्य में स्थिति पहले की भांति करने के लिए बंदी को समाप्त किया गया है.
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