नई दिल्ली : सीरिया सरकार एक कुख्यात जेल ने पिछले पांच सालों के अंदर करीब 13,000 लोगों को फांसी के फंदे पर चढ़ा चुकी है. इस बात की जानकारी 'एमनेस्टी इंटरनेशनल' ने दी. वही इस संस्था ने शासन पर 'तबाही की नीति' अपनाने का आरोप लगाया है.
इंटरनेशनल रिपोर्ट इस बात का खुलासा किया गया है कि वर्ष 2011 से 2015 के बीच सप्ताह में करीब 50 लोगों के समूहों को मनमाने ढंग से मुकदमे की कार्यवाही करने, पीटने और फिर फांसी देने के लिए आधी रात को पूरी गोपनीयता के बीच कारागार से बाहर निकाला जाता था. इस मुद्दे पर सीरिया के मानवाधिकारियों के समूह ने लिखा, 'इस पूरी प्रक्रिया के दौरान उनकी आंखों पर पट्टी बंधी रहती थी. उन्हें उनकी गर्दनों में फंदा डाले जाने तक यह भी नहीं पता होता था कि वह कैसे और कब मरने वाले हैं'.
बताया जा रहा है मरे गए कैदियों में अधिकतर आम नागरिक थे, जिनके बारे में ऐसा माना जाता था कि वे राष्ट्रपति बशर-अल-असद की सरकार के विरोधी थे. वही इस फांसी के गवाह रहे पूर्व न्यायाधीश ने कहा, 'वे उन्हें 10 से 15 मिनट तक फांसी पर लटकाए रखते थे'. एमनेस्टी ने इसे युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध बताया है.
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