उत्तर प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर अपराधियों के मंसूबों पर लगाम लगाने के लिए आज उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (यूपीकोका) बिल पेश कर दिया है. यह बिल यूपी विधानसभा में आज पारित किय गया है. इस बिल के कानून बनते ही यूपी में अपराध और आपराधिक घटनाओं पर तेजी से अंकुश लगाया जाएगा. इस नए बिल के तहत श्यावृत्ति, अपहरण, फिरौती, धमकी, तस्करी, अंडरवर्ल्ड और जबरन वसूली जैसे तमाम अपराधों को शामिल किया गया है.
भारत में उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र के बाद अब दूसरा ऐसा राज्य बन चुका है, जहां इस सख्त कानून को लागू किया जाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए प्रारंभिक कदम उठा लिया गया है. उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (यूपीकोका) के तहत इन निम्लिखित प्रावधानों को शामिल किया गया है...
- कोई भी व्यक्ति अगर संगठित रूप में किसी अपराध को अंजाम देता है, तो उस पर इस कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.
- इस कानून के तहत किसी भी मामले में गिरफ्तार किये गए व्यक्ति को 6 माह से पहले जमानत पर नहीं छोड़ा जाएगा.
- यूपीकोका के तहत किसी भी अपराधी पर तब ही मामला दर्ज होगा, जब वह दो आपराधिक मामलों में संलग्न होगा.
- इस कानून के तहत अपराधी को कम से कम 5 वर्ष की सजा मिलेगी. साथ ही फांसी भी दी जा सकती है.
- राज्य स्तर पर ऐसे मामलों की मॉनिटरिंग गृह सचिव द्वारा की जाएगी.
- यदि कोई संगठित अपराध जिला स्तर पर होता है, तब उसकी रिपोर्ट कमिश्नर और डीएम देंगे.
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