कोरोना वायरस के अबतक कई म्यूटेशन हो चुके हैं। अब इन सभी के बीच एक नया म्यूटेशन ओमीक्रोन (Omicron News) आया है, जिसको लेकर अब तक यह कहा जा रहा है कि यह माइल्ड टू मॉडरेट है। हालाँकि एक्सपर्ट का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगा, क्योंकि जब कोरोना की शुरुआत हुई थी तब भी ज्यादातर मरीज ठीक हो जा रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ी गई और इसका व्यापक असर देखने को मिला। इन सभी के बीच इस नए वैरिएंट से आगाह करते हुए मेदांता की इंटरनल मेडिसिन की डॉक्टर व कोविड एक्सपर्ट डॉक्टर सुशीला कटारिया ने कहा कि, 'इसे हल्के में लेने की जरूरत नहीं है। बहुत ज्यादा म्यूटेशन हो चुका है, एक तरह से क्लस्टर म्यूटेशन है।'
इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, 'वुहान से निकले वायरस में अब काफी बदलाव हो चुका है। एक वायरस में औसतन 1000 जीन होते हैं, लेकिन ओमिक्रॉन में 54 चेंज हो गया है, यानी कुल जीन का 5 पर्सेंट चेंज हो चुका है।' वहीं आगे उन्होंने कहा कि, 'ऐसी स्थिति में यह म्यूटेशन बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकता है या फिर इतने चेंज होने की वजह से यह वीक हो सकता है। अगर वीक हो गया तो यह धीरे-धीरे सबको संक्रमित करेगा और उनमें इम्यूनिटी पैदा कर देगा।'
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, 'लेकिन अभी यह सब आकलन करना जल्दबाजी है। जब किसी को कोरोना होता है तो पहला हफ्ता नॉर्मल होता है। दूसरे हफ्ते में मरीज एडमिट होता है। तीसरे हफ्ते में वह वॉर्ड से आईसीयू में पहुंचता है और चौथे हफ्ते में मौत की होती है। इसलिए, यह कहना कि यह वायरस कितना खतरनाक होगा, अभी बहुत जल्दी है। हमें इस पर नजर रखनी चाहिए। अगले 15 दिन काफी महत्वपूर्ण हैं।' उन्होंने कहा, 'जैसे जैसे डेटा आता रहेगा, स्थिति साफ होती जाएगी। हमने सेकेंड वेव में देखा था कि माइल्ड टु मॉडरेट वाला डेल्टा कब सीवियर बन गया और जानलेवा साबित हुआ। जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ेगी, तब इसका सही आकलन संभव होगा।'
भारत: ओमिक्रॉन के पहले मरीज में दिखे ये लक्षण, आप भी हो जाएं सतर्क