देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून जिले में एक मामला सामने आया है, जिसमें उत्तर प्रदेश का एक भगोड़ा अपराधी, नेता बनकर पुलिस पर दबाव डालने की कोशिश कर रहा है। घटना तब चर्चा में आई जब सहारनपुर पुलिस ने विकासनगर के सेलाकोई क्षेत्र से खालिद मंसूरी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। यूपी पुलिस के मुताबिक, खालिद मंसूरी पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित था, और वह 2011 और 2017 के दो मामलों में फरार चल रहा था।
खालिद मंसूरी के गिरफ्तार होने के बाद विकासनगर में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। खालिद मंसूरी विकासनगर जामा मस्जिद के मुतवल्ली हैं और वह भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी भी रह चुके हैं। इससे पहले वह कांग्रेस में थे, लेकिन राज्य में भाजपा की भाजपा सरकार बनने के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। मंसूरी का स्थानीय पुलिस थानों और चौकियों में काफी आना-जाना रहता था, और उन्होंने क्षेत्र में काफी प्रभाव बना लिया था। SSP अजेय सिंह ने बताया कि खालिद मंसूरी को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है और सहारनपुर के कुतुबशेर थाने की पुलिस को उसकी लंबे समय से तलाश थी। उन्होंने यह भी कहा कि वह पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर रहे हैं ताकि ऐसे अन्य फरार अभियुक्तों को पकड़ने में मदद मिल सके, जो राज्य की सीमाओं का फायदा उठाकर बच निकलने की कोशिश करते हैं।
यह मामला एक बड़े राजनीतिक और पुलिस नेटवर्क के जुड़ाव को उजागर करता है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर कैसे मस्जिदें इन भगोड़ा अपराधियों की शरणस्थली बन जाती है और कैसे ये लोग राजनितिक आड़ लेकर अपने पाप छुपा लेते हैं ?
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