हिंदी सिनेमा जगत की मशहूर अभिनेत्री उर्मिला भट्ट ने अपने अभिनय की शुरुआत ड्रामा थियेटर में अभिनय से शुरू किया था. इसके बाद ये राजकोट के संगीत कला अकादमी में डांसर और गायिका के रूप में जुड़ीं. इस समय इनका गुजराती नाटक जेसल तोरण के हजारों कार्यक्रम हो चुके थे. ये 75 से भी अधिक गुजराती फिल्मों में काम कर चुकी हैं, और साथ ही 15 से 20 राजस्थानी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं. ये लगभग आधे दशक तक हिन्दी फिल्मों में किरदार वाले भूमिका निभा चुकी हैं. ये कई टीवी धारावाहिकों में भी काम कर चुकी हैं. इन्हें गुजरात सरकार द्वारा कई पुरस्कार और सम्मान भी मिल चुके हैं.
उर्मिला भट्ट ने अपने थियेटर के करियर में सफलता प्राप्त करने के बाद हिन्दी फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. लगभग 1960 के दशक में इन्होंने गौरी (1968), संघर्ष (1968), और हमराज़ (1967) में काम किया था. इनके फिल्मों में से कुछ प्रसिद्ध फिल्म अंखियों के झरोखों से (1978), गीत गाता चल (1975), बेशरम (1978), राम तेरी गंगा मैली (1985), बालिका बधू (1976), धुंध (1973) और अलीबाबा मर्जीना (1977) थे. इन फिल्मों के अलावा भी इन्होंने कई और फिल्मों में भी काम किया है. हालांकि बहुत से फिल्मों में इनका सहायक किरदार वाली भूमिका ही रहा है. इन्होंने कुल 125 हिन्दी फिल्मों में काम किया है.
बता दें की उर्मिला की 22 फरवरी 1997 को जुहू, मुंबई में उनके ही घर में मृत्यु हुई थी. ये बात तब सामने आई, जब इनके पारिवारिक दोस्त, विक्रम पारेख इनके घर इन्हें देखने आए थे. पड़ोस में रहने वाले युवक ने बताया कि नौकरनी भी सुबह घर के बेल बजा बजा कर चले गई थी. विक्रम पारेख ने तुरंत उनकी बेटी, रचना को कॉल किया और उसके बाद पता चला कि घर को लूट लिया गया है और उर्मिला भट्ट मर चुकी हैं. इनके पति बरोदा में थे. पुलिस के मुताबिक लूटना ही इसकी वजह हो सकता है.
एयर इंडिया से ट्वीटर पर भिड़ी यह एक्ट्रेस, कहा- 'अपने स्टाफ को शिष्टाचार सिखाना...'
कबीर बेदी ने दी सनी लियोन का नंबर मांगने पर सफाई, कहा- 'मैंने उनके पति से नंबर मांगा...'
दीपिका की नयी फोटो देखते ही धड़का पति का दिल, झट से किया कमेंट