वाशिंगटन: अमेरिका ने श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शावेंद्रा सिल्वा पर युद्ध अपराधों के लिए प्रतिबंध लगा चुका है. वहीं उन पर यात्रा, आर्थिक मामलों समेत कई तरह के प्रतिबंध लागू होंगे. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि सिल्वा को 2009 में जाफना प्रायद्वीप में सैन्य कार्रवाई के दौरान गैरकानूनी तरीके से लोगों को मारने और बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का जिम्मेदार माना गया है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक कार्रवाई के आखिरी महीने में ही 45 हजार निर्दोष तमिल नागरिक मारे गए थे.
लिट्टे के खिलाफ कार्रवाई में युद्ध अपराध का आरोप: मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा, सिल्वा पर बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप हैं. संयुक्त राष्ट्र और अन्य संस्थाओं के पास आए इससे संबंधित दस्तावेज विश्वसनीय और गंभीर हैं. श्रीलंका और दुनिया में सभी स्थानों पर मानवाधिकारों का बड़ा महत्व है. ऐसे में हम सिल्वा को प्रोन्नत कर सेना प्रमुख बनाए जाने का समर्थन नहीं कर सकते.
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि सिल्वा को 2019 में प्रोन्नत कर सेना प्रमुख बनाया गया था. इससे पहले वह सेना की 58 डिवीजन के प्रमुख थे. सेना की इसी डिवीजन ने श्रीलंका में 2009 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम (लिट्टे) के खिलाफ लड़ाई लड़कर उसे परास्त किया था और जाफना की जमीन पर कब्जा किया था. इस डिवीजन के सैनिकों पर निर्दोष नागरिकों और अस्पतालों पर हमला करके हत्याएं करने, मानवीय सहायता सामग्री रोकने, तमिल नागरिकों को बंधक बनाने और उनकी आड़ लेकर हमले करने के इलज़ाम हैं.
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