वाशिंगटन: कोरोना महामारी के चलते सभी देशो के कार्यो में कई तरह के परिवर्तन हुए है. वही इस बीच अमेरिका ने लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को चुनौती देने के लिए अपनी नीति में बड़ा परिवर्तन किया है. इसकी घोषणा करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने इस विवादित समुद्री क्षेत्र पर चीन के दावे को अवैध करार दिया है. उन्होंने अपने बयान में कहा, कि ज्यादातर दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग के विस्तारवादी दावे पूरी तरह गैरकानूनी हैं.
वही यह संभवत: पहली बार है, जब वाशिंगटन ने चीन के दावे को गलत करार दिया है. इस कठोर रुख के दौरान दोनों देशों में सैन्य तनातनी की विपत्ति और अधिक बढ़ गई है. वही इधर, इस कदम से भड़के चीन ने अमेरिका पर इलाके की स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर बताने का आरोप लगाया. चीनी दूतावास ने अपने एक बयान में कहा, की 'अमेरिकी सरकार चीन और दूसरे क्षेत्रीय देशों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है.' वही इस बीच पोंपियो ने सोमवार को यह भी कहा, कि प्राकृतिक संपदा से भरपूर तकरीबन पूरे समुद्री क्षेत्र पर कंट्रोल पाने के लिए चीन द्वारा चलाया जा रहा दादागिरी वाला अभियान अवैध है. तथा अब इस पर अमेरिकी सरकार का रवैया सख्त ही रहेगा.
आपको बता दे, की चीन को लेकर अमेरिका का यह अब तक का सबसे ज्यादा कठोर बयान है. पोंपियो ने अमेरिकी नीति को घोषित करते हुए कहा, की 'दुनिया बीजिंग को इसकी अनुमति नहीं देगी, कि वह दक्षिण चीन सागर को अपना समुद्री साम्राज्य समझे. अमेरिका अपने दक्षिण-पूर्व एशियाई भागीदार देशों के समुद्री संपदा के अधिकारों की सुरक्षा के लिए उनके साथ है.' अधिकारियों ने एक दिन पूर्व ही यह आशंका व्यक्त की थी, कि ट्रंप प्रशासन सोमवार को दक्षिण चीन सागर पर नई नीति का घोषित कर सकती है. परन्तु अभी इस पर निश्चित तौर पर कोई फैसला नहीं आया है.
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