अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के रिश्ते प्रगाढ़ करने की बात करते हैं , वहीँ आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में वह पाकिस्तान के साथ खड़े नज़र आते हैं. पाकिस्तान के इस दोहरे चरित्र से भारत को झटका लगा है. अमेरिकी कांग्रेस ने पाकिस्तान को सिर्फ हक्कानी गुट पर कार्रवाई करने पर उसे 70 करोड़ डॉलर की अटकी हुई अमेरिकी सहायता देने का निर्णय लिया है.
उल्लेखनीय है कि फिलीपींस में चल रहे आसियान सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ भारत से रिश्ते प्रगाढ़ करने की गर्मजोशी दिखाते हुए औपचारिक रिश्तों को निभाने का वादा किया था. लेकिन इसके विपरीत अमेरिकी कांग्रेस ने फैसला किया है, कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तोयबा को छोड़ सिर्फ हक्कानी गुट पर कार्रवाई करेगा तो उसे 70 करोड़ डॉलर की रोकी गई अमेरिकी सहायता उपलब्ध करा दी जाएगी. स्मरण रहे कि इसके पूर्व सितंबर में अमेरिका ने पाकिस्तान से हक्कानी के साथ ही भारत में केंद्रित लश्कर- ए- तोयबा पर पाकिस्तानी कार्रवाई की कड़ी शर्त लगाई थी. लेकिन अब उसने इस मुद्दे पर पलटी मार दी है.
बता दें कि भारत , अमेरिका के इस बदले हुए रुख से विदेश मंत्रालय हतप्रभ है. इस निराशा भरे सन्देश ने भारत को चिंतित कर दिया है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के एसियान सम्मेलन से लौटने के बाद भारत इस मामले में कूटनीतिक विरोध दर्ज कराएगा.
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