नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालने के बाद ही चीन के खिलाफ व्यापार मामलों में कड़ा रूख धारण कर लिया। ट्रंप प्रशासन से धराधड़ चीनी उत्पादों पर टैरिफ की बौछारें कर दी। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाना शुरू कर दिया। इस तरह दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर शुरू हो गया। जिसका खामियाजा दोनों देश भूगत रहे हैं। यूएस प्रेसीडेंट ने कहा कि वह 2020 में होने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से पहले चीन के साथ व्यापार समझौता करने की जल्दबाजी में नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान यह बातें बोल रहे थे।
ट्रंप ने कहा कि वे चीन के साथ पूर्ण समझौता चाहते हैं। वे किसी अधूरे समझौते पर सहमत नहीं होंगे। इस वक्त दोनों देशों के वार्ताकार ट्रेड वार के खात्मे के लिए लगातार वार्ता में जुटे हुए हैं। इससे पहले भी ट्रंप कई मौकों पर चीन पर यह तोहमत लगा चुके हैं कि वह खुद अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने तक ट्रेड वार पर बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं चाहता। उनके मुताबिक शायद चीन को ऐसा लगता है कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद अमेरिका में सत्ता बदल जाएगी और नई सरकार के साथ डील करने में उसे आसानी होगी।
यद्दपि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों ही कहा कि यदि वार्ता अगले वर्ष राष्ट्रपति चुनाव के आगे तक चली तो चीन को ऐसी कीमत चुकानी पड़ेगी जो उसके लिए बेहद कठिन होगी। बता दें कि ट्रंप संरक्षणवादी रवैया अपनाकर अपने देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
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