वाशिंगटन: विश्व में अलग थलग पड़ते जा रहे और प्रश्नों से घिर रहे चीन ने साउथ चीन सागर में दो मिसाइलों का टेस्ट किया है. इन मिसाइलों में एक कैरियर मिसाइल भी मौजूद थी. जानकारों ने बताया है कि इसे अमेरिका के बलों पर हमले के लिए विकसित किया जा रहा है. यह टेस्ट ऐसे समय में किया गया है जब अमेरिका ने चीन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया. हाल ही में अमेरिका के 2 टोही विमानों ने चीनी सेना के अभ्यास को रिकॉर्ड कर लिया. यही नहीं अमेरिका ने हिंद महासागर में भी स्टील्थ B-2 बम वर्षकों विमानों को तैनात करवा दिया गया है.
जंहा इस बात का पता चला है कि साथ ही साउथ चीन सागर में अमेरिका की कार्रवाई और अमेरिका के U-2 जासूसी विमानों देश में प्रवेश होने के उत्तर में चीन ने ये टेस्ट किए हैं. हांग कांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने चीनी सेना के अज्ञात करीबी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि DF-26B और DF-21 D मिसाइलों का टेस्ट किया गया है. इन मिसाइलों को साउथ द्वीपय प्रांत हैनान और पार्सल द्वीपसमूहों के मध्य वाले क्षेत्र में दागा गया. मिली जानकारी के अनुसार DF-26 B को किंगहाई जबकि DF-21D को शंघाई के दक्षिण में जेझियांग प्रांत से प्रक्षेपित कर दिया गया है.
जंहा इस बात पता चला है कि दक्षिण चीन सागर पर पूर्ण नियंत्रण के लिए चीन बुरी तरह बेचैन है. साउथ चीन सागर विश्व के सबसे व्यस्ततम व्यापार मार्गों में से एक कहा जा रहा है. चीन ने इस क्षेत्र को अपना कहा है जबकि दूसरी ओर अमेरिका ने विवादित क्षेत्र के अधिकतर हिस्से पर बीजिंग के दावों को खारिज किया जा चुका है. बीते दिनों अमेरिका ने अपने युद्धपोतों को इन क्षेत्रों में तैनात किया जा चुका है. यही नहीं दक्षिण चीन सागर के कुछ भागों पर वियतनाम, फिलीपीन और अन्य देश की सरकारें भी दावा कर रही हैं. अमेरिका बीते दिनों इस इलाके में युद्धाभ्यास करवाया जा रहा है.
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