वॉशिंगटन : म्यांमार की सरकार द्वारा माफी के बाद रॉयटर्स के 2 पत्रकारों वा लोन और क्याव सोई ओओ की जेल से रिहाई दे दे गए है और अब अमेरिका ने मंगलवार को इसका स्वागत किया है. बता दें कि वाइट हाउस के प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने इसे लेकर बताया है कि, 'रोहिंग्या के खिलाफ अत्याचारों पर रिपोर्टिंग करने के लिए दिसंबर 2017 से 500 से अधिक दिनों से जेल में बंद रहे कैदियों के बारे में हम बेहद ही खुश हैं कि वे अपने परिवारों से अब मिल पाएंगे.
आपको जानकारी के लिए बता दें कि लंदन में स्थित समाचार एजेंसी के 2 पत्रकारों को म्यांमार में रोहिंग्या संकटों पर उनकी रिपोर्टिंग के तहत अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया था और दिसंबर 2017 में गिरफ्तारी के कारण वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के चलते सुर्खियों में छाए रहे थे और यह नोबेल पुरस्कार विजेता और नागरिक नेता आंग सान सू की के तहत म्यांमार की बिगड़ती प्रेस स्वतंत्रता का बेहद बड़ा संकेत भी था.
इस दौरान सैंडर्स ने उम्मीद जताई कि म्यांमार की जेल में बंद अन्य पत्रकारों को भी जल्द ही रिहा किया जाएगा. आगे उन्होंने कहा कि, 'किसी लोकतंत्र का मूलभूत सिद्धांत प्रेस की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता और कानून का शासन ही है. अतः अमेरिका बर्मा में एक स्थिर, समृद्ध और लोकतांत्रिक परिवर्तनकाल को बढ़ावा देता रहेगा. वहीं पत्रकारों की रिहाई पर सेनेटर माक्रो रूबियो ने बयान में कहा कि रॉयटर्स के दो पत्रकारों को कथित रूप से रोहिंग्या पर अत्याचारों की रिपोर्टिंग के कारण उनके काम हेतु अन्यायपूर्ण तरीके से जेल में बंद किया था.
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