वायरस की कई प्रजातियां मौजूद है जो हमारे शरीर में सर्दी, फ्लू, हेपेटाइटिस, मोनोन्यूक्लियोसिस और एचआईवी जैसे इंफेक्शन पैदा कर सकती है. यह कई तरीके से फैलता है. इन्फ्लुएंजा वायरस खांसी आने और छींकने से फैलता है. आपको बता दे कि वायरस से फैलने वाले इंफेक्शन में एंटीबायोटिक काम नहीं करती और वैक्सीन भी पूरी तरह से वायरस का खत्म नहीं कर पाती है.
एंटीवायरल जड़ी-बूटियां वायरस को फैलने से रोकती है. इंफेक्शन के इलाज में जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है क्योकि ये वायरस के लिए नुकसानदायक होती है. जड़ी-बूटियों के उपयोग से शरीर पर इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है. एंटीवायरल जड़ी-बूटियां वायरस को बढ़ने से रोकती है. यह इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाती है, जिस कारण वायरस शरीर में संक्रमित नहीं होते है. इसमें पहला नाम है, एस्ट्रॉगलस रूट जो कि सर्दी और संक्रमण से लड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
कैलेंडुला जड़ी बूटी में फ्लेवोनॉइड अधिक मात्रा में होता है. ये पौधे के जैसा एंटीऑक्सीडेंट होता है जो फ्री रेडिकल से क्षतिग्रस्त होने वाली सेल्स की रक्षा करता है. इकिनेसिया एक जड़ी बूटी है जो हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है. इंफेक्शन के इलाज में यह सबसे सर्वोत्तम मानी जाती है.
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