वैक्सिंग को लेकर तमाम जानकारी होने के बाद भी लोगों में एक असमंजस हमेशा बना रहता है कि कौन सा वैक्स ज्यादा सही होता है. ये कई तरह के आते हैं जो आपके अनचाहे बालों को हटाता है. दरअसर बाजार में सामान्यतया दो तरह के वैक्स होते हैं. वैसे तो दोनों ही वैक्स में मोम युक्त पदार्थ का उपयोग किया जाता है लेकिन एक को हॉट वैक्स तो दूसरे को कोल्ड वैक्स के नाम से जाना जाता है. अब दोनों में क्या अंतर है और कौनसा बेहतर है इसी के बारे में आपको जानकारी देने जा रहे हैं. ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता है कि कौन से मौसम या स्किन के लिए कौन सा वैक्स ज्यादा ठीक होता है. तो आइये जानते हैं उसके बारे में.
हॉट वैक्सिंग क्या है ?
हॉट वैक्सिंग में वैक्स को गर्म किया जाता है और उसे शरीर के उस हिस्से में लगाया जाता है जहां से अनचाहे बाल हटाने होते हैं. गरम वैक्स को लगाने के बाद कपड़े की मदद से दबाया जाता जाता है और जब वह हार्ड होने लगता है तब बाल उगने की विपरीत दिशा में खींचा जाता है.
हॉट वैक्सिंग के नुकसान
इस प्रक्रिया में बार बार वैक्स गर्म करना पड़ता है.
यह दर्दनाक होता है. ज़्यादा गर्म वैक्स लगाने से हाथ पर जलन या रैशेस भी हो सकते है.
इसे छोटे अंगों पर नहीं किया जा सकता. जैसे भौहें , होंठों के ऊपर.
कोल्ड वैक्सिंग क्या है ?
कोल्ड वैक्सिंग में वैक्स को सीधे ही शरीर पर लगाया जाता है. या फिर यह एक स्ट्रिप में पहले से ही लगा हुआ आता है. इसे शरीर पर लगाया जाता है और बाल उगने की विपरीत दिशा में से खींचा जाता है और वहाँ के अनचाहे बाल निकल आते हैं.
कोल्ड वैक्सिंग के फ़ायदे
यह काफी साफ प्रकिया होती है . इसमें गर्म करने का कोई झंझट नहीं होता.
यह गर्म वैक्सिंग के मुकाबले कम दर्दनाक होती है.
कोल्ड वैक्सिंग के नुकसान
इसे बार बार दोहराना पड़ता है. इसके परिणाम हमेशा सही नहीं होते.
इसका बार बार एक ही जगह प्रयोग करने से शरीर पर लालपन और सूजन भी आ सकती है.
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