मुंबई: न्याय और सशक्तिकरण राज्य मंत्री रामदास अठावले का मानना है कि 'दलित' शब्द का उपयोग करने में कोई बुराई नहीं है. उन्होंने कहा है कि उनकी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) सरकार की सलाह को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करेगी, जिसमे उन्होंने मीडिया से 'दलित' शब्द का उपयोग करने से बचने के लिए कहा था.
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अठावले ने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि अनुसूची जाति और अनुसूची जनजाति के नियम सरकारी रिकॉर्ड में पहले से ही उपयोग में हैं, लेकिन हम इस विचार से हैं कि 'दलित' शब्द का उपयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) इस सदर्भ में सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी. उल्लेखनीय है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पहले अनुसूचित जातियों के सदस्यों का जिक्र करते हुए मीडिया को 'दलित' शब्द का उपयोग बंद करने की सलाह दी थी. वहीँ जून में बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंत्रालय से इस सम्बन्ध में मीडिया को निर्देश जारी करने को कहा था.
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6 सितंबर को मीडिया को संबोधित करते हुए, अथवाले ने कहा: "भारत की रिपब्लिकन पार्टी की ओर से, हम सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे और 'दलित' शब्द के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे. उन्होंने कहा कि 'दलित' शब्द आक्रामक या अपमानजनक नहीं है, इसलिए इसके उपयोग पर पाबन्दी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि "हम अदालत का सम्मान करते हैं, यहां तक कि हमारे मंत्रालय ने आधिकारिक दस्तावेजों में 'दलित' के बजाय 'अनुसूचित जाति' शब्द का उपयोग करने का निर्देश जारी किया था, लेकिन मंत्रालय को मीडिया द्वारा इस शब्द का उपयोग करने से रोकने का अधिकार नहीं है.
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