लखनऊ: उत्तर प्रदेश बाढ़ से बुरी तरह जूझ रहा है. राज्य के 1200 से ज्यादा गांव बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं. वहीं, बिहार में भी गंगा नदी उफान पर है और राजधानी पटना में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इतना ही नहीं, भारी बारिश की वजह से पहाड़ी इलाकों में भी तबाही के मंजर नजर आ रहे हैं. कहीं पहाड़ भरभराकर गिर रहे हैं तो कहीं नदियों के तेज बहाव व बाढ़ के पानी में मकान बह गए हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश के 1243 गांवों में 5 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की वजह से प्रभावित हुए हैं. यूपी में बीते 24 घंटे के दौरान 13.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 154 फीसदी अधिक है.
यूपी के 11 जिलों (प्रयागराज, चित्रकूट, कौशांबी, प्रतापगढ़, बस्ती, गोंडा, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, लखनऊ, रायबरेली और फतेहपुर) में बीते 24 घंटे में 25 मिमी या उससे अधिक बारिश दर्ज की गई है. सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 'यूपी के 23 जिलों के 1243 गांवों में 5,46,049 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.' वहीं, सिंचाई विभाग की मानें तो बदायूं, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में गंगा नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है. वहीं, औरैया, जालौन, हमीरपुर, बांदा और प्रयागराज में यमुना भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है.
बुधवार को बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में गंगा 72 मीटर के निशान को पार कर गई. ऐसा 8 वर्षों में पहली दफा हुआ है. 11 अगस्त 2013 को गंगा ने 72 मीटर की सीमा को पार किया था. अब गंगा प्रति घंटे एक सेंटीमीटर बढ़ रही है. गुरुवार को गंगा 72.31 मीटर पर उफन रही थी. परिणाम ये हुआ कि बाढ़ का पानी अलग-अलग रास्तों से शहर में दाखिल होने लगा. वाराणसी का ये हाल लगभग एक सप्ताह से है.
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