लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के शिवालिक क्षेत्र में कई भौगोलिक रहस्य छिपे हुए हैं। शिवालिक की तलहटी से निकलने वाली सहन्सरा नदी के बेसिन में 30 से 38 करोड़ साल पुराने समुद्र में पाए जाने वाले एक जीव का जीवाश्म मिलने का दावा किया गया है। सेंटर फॉर वाटरपीस संस्था के विज्ञान प्रभारी और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्वॉयरमेंट, इकोलॉजी एंड डेवलपमेंट उत्तराखंड के वैज्ञानिक डॉ. उमर सैफ ने दावा करते हुए कहा है कि जीवाश्म लेट डिवानियन से कार्बोनिफेरस कॉल के वक़्त मिलने वाले हाइडनोसेरस नाम के बहुकोशिकीय जीव का है। जीवाश्म मिलने के बाद वैज्ञानिकों ने कई अन्य रहस्य छिपे होने की भी बात कही है और रिसर्च भी शुरू कर दी है।
बता दें कि सहारनपुर के शिवालिक क्षेत्र से कई छोटी नदियां निकलती हैं। इन्हीं में से एक है सहन्सरा नदी। बहुत समय से नदी को पुनर्जीवित करने हेतु नदी का जियोलाजिकल जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसके लिए भू-वैज्ञानिक शिवालिक क्षेत्र और नदी में रिसर्च कर रहे हैं। सेंटर फॉर वाटरपीस संस्था को इसी दौरान एक जीवाश्म प्राप्त हुआ है। जिसकी जांच में बड़ा रहस्य सामने आया है। देहरादून, वैज्ञानिक हिमालयन इंस्टीट्यूट, डॉ. उमर सैफ ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया है कि शिवालिक क्षेत्र में सहन्सरा नदी से हाईडनोसेरस के जीवाश्म बरामद हुए हैं। बता दें कि, हाइडनोसेरस कोई एक जीव, नहीं बल्कि कई अन्य जीवों का एक समूह होता था, जो एक साथ रहता था।
बता दें कि, पृथ्वी पर किसी वक़्त जीवित रहने वाले प्राचीन जीवों के परिरक्षित अवशेषों या उनके द्वारा चट्टानों में छोड़ी गई छापों को जीवाश्म कहा जाता है। जीवाश्म पृथ्वी की सतहों या चट्टानों में पत्थरों के रूप में सुरक्षित पाए जाते हैं। जीवाश्म से कार्बनिक विकास का प्रत्यक्ष प्रमाण प्राप्त होता है।
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