लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक वृद्ध व्यक्ति अपना ही प्लॉट वापस पाने के लिए दर-दर भटक रहा है। उसके हाथ में एक दरोगा की तस्वीर है। बुजुर्ग का कहना है कि उसके प्लॉट पर दरोगा ने लगभग डेढ़ साल पहले कब्जा करके मकान बना लिया, खुद पुलिस आयुक्त द्वारा कराई गई जांच में दरोगा कब्जे का आरोपी पाया गया, मगर आज तक आरोपी दरोगा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
रिपोर्ट के अनुसार, दरोगा ब्रज मोहन पाल का पोस्टर लेकर पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे सुनील मलिक का कहना है कि, 'मुझे अब पता चल गया है कि देश में एक दरोगा की पावर डीएम-सीएम-पीएम से कहीं अधिक होती है, इसीलिए मैं उसका पोस्टर लेकर आया हूं।' सुनील मलिक का कहना है कि दरोगा बृजमोहन पाल ने चकेरी इलाके में मेरे प्लॉट में डेढ़ वर्ष से कब्जा जमा रखा है, इस दौरान मैंने पुलिस आयुक्त से लेकर DGP तक चक्कर काटे, इसके बाद डीएम-सीएम-पीएम और गृहमंत्री को आवेदन दिया, मगर किसी ने भी दरोगा से मेरा कब्जा नहीं छुड़वाया।
सुनील मलिक का कहना है कि पूर्व पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने मेरी शिकायत पर ACP अशोक कुमार सिंह से जांच कराई थी, जिनकी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट पाया गया था कि दरोगा बृजमोहन पाल ने एक पूरा गिरोह बनाकर मेरे प्लॉट पर फर्जी तरीके से कब्जा किया, उस जांच रिपोर्ट के आधार पर मेरी FIR दरोगा के खिलाफ चकेरी थाने में लिखी गई। वहीं, इस मामले चकेरी थाने के इंस्पेक्टर का कहना है कि इस मामले में दरोगा के खिलाफ अदालत में चार्जशीट भी लगाई जा चुकी है। हालाँकि, शहर का कोई अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि दरोगा पर अब तक कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया।
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