वो जिन्दा होती, यदि पुलिस कार्रवाई करती.., यूपी में दुष्कर्म पीड़िता ने की ख़ुदकुशी

वो जिन्दा होती, यदि पुलिस कार्रवाई करती.., यूपी में दुष्कर्म पीड़िता ने की ख़ुदकुशी
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में एक नाबालिग सामूहिक बलात्कार पीड़िता ने फाँसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली है। पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगते हुए कहा है कि इस मामले में अंबेडकर नगर पुलिस आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। इसके चलते उनकी बेटी सदमे में थी, जिसके कारण उसने अवसाद में अपनी जान दे दी। इस मामले में पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार सिन्हा ने SO को लाइन अटैच और सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है।

यह मामला अंबेडकरनगर के मालीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गाँव का है। पीड़िता के माता-पिता दुर्गा पूजा में गए हुए थे, इसी दौरान नाबालिग ने 4 अक्टूबर 2022 की रात फाँसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली। नाबालिग की मौत के बाद से गाँव में तनाव फैल गया है। परिजनों का कहना है पुलिस की लापरवाही के कारण उनकी बेटी की जान गई है। प्रशासन आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करे और जल्द से जल्द आरोपितों को अरेस्ट करे। रिपोर्ट्स के अनुसार, 16 सितंबर 2022 को 15 साल की छात्रा को अगवा कर लिया गया था। परिवार के लोगों ने थाने में किडनेपिंग का मामला दर्ज करवाया था। 18 सितंबर को पीड़िता ने अपने घर पहुँचकर परिवार वालों को बताया था कि लखनऊ के एक होटल में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया है। इसके बाद परिवार के लोग पीड़िता को लेकर थाने पहुँचे और उन्होंने गैंगरेप का मामला दर्ज करवाया। किन्तु, परिवार के अनुसार, पुलिस कार्रवाई करने के बजाए उलटा उनके ऊपर केस रफा-दफा करने का दबाव बनाने लगी।

वहीं, पीड़िता घर वापस आने के बाद से अवसाद में थी। पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि, '16 सितंबर को मैं स्कूल से घर वापस लौट रही थी। किन्तु, घर से लगभग 1 किलोमीटर दूर मुझे गाँव की एक महिला और अरशद नाम का शख्स नज़र आया। इसी बीच मौके पर एक कार से कुछ नकाबपोश लोग उतरे और मुझे जबरन कार में बैठा लिया। घटना के समय महिला और अरशद भी मौके पर ही मौजूद थे।' पीड़िता ने बताया था कि, 'इसके बाद ये लोग मुझे लखनऊ के एक होटल लेकर गए और वहाँ मेरे साथ सामूहिक बलात्कार किया। वो लोग मुझसे कह रहे थे कि यदि शोर करोगी तो तुम्हें यहीं मार डालेंगे। उन्होंने मुझे दो दिन तक एक रूम में बंद करके रखा था। मैं दो दिन तक भूखी-प्यासी इस कमरे में कैद थी। 18 सितंबर को किसी तरह वहां से छूटकर मैं लखनऊ से घर भाग आई। घर पहुँचकर मैंने परिवार के लोगों को पूरी बात बताई।'

बता दें कि पीड़िता के ख़ुदकुशी करने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। स्थानीय लोग जहाँ घटना से आक्रोशित हैं, वहीं अब पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बचाव में पुलिस ने कहा है कि उन्होंने शिकायत मिलने के बाद पीड़िता को मेडिकल चेकअप के लिए भेजा था। परिवार की शिकायत पर 2 लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था। पूरे मामले की जाँच भी की जा रही थी।

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