पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय इलाके वाराणसी में इन दिनों कोरोना वायरस से रक्षा करने वाले कथित कार्ड की खूब मंत्रणा हो रही है. स्थिति ऐसे हैं कि इन कार्ड्स की अब कालाबजारी भी होने लगी है. कालाबजारी को लेकर अब प्रशासन ने कड़ी चेतावनी दी है और कार्रवाई करने की बात कही है. हालांकि इस बात की अभी तक पड़ताल नहीं की गई कि ये कार्ड महामारी कोरोना से बचाता भी है या नहीं.
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दावा है कि ये ‘एंटी कोरोना प्रोटेक्शन सैनिटाइजर कार्ड’ गले में पहने हुए व्यक्ति को डेढ़ मीटर तक महामारी कोरोना से प्रोटेक्शन देगा. कोविड-19 से बचाव के लिए प्रोटेक्शन कार्ड सभी की पहली पसंद बन गया है. वाराणसी के कलेक्टर कौशल राज शर्मा ने इसे बेचने वाले सभी दुकानदारों से अपील की है कि इसकी ब्लैक मार्केटिंग ना करें. वहीं, यूजर्स से भी अपील की है कि वह इसे एमआरपी पर ही खरीदें.
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इसके अलावा वाराणसी में कोविड-19 के प्रकोप से बचने के लिए मार्केट में तरह तरह के मास्क और सैनिटाइजर की मांग दिन हर दिन बढ़ती जा रही है. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि इस वक्त मार्केट में गले में पहनने वाला सैनिटाइजर आया है, जिसको लेकर यह बताया जा रहा है कि यह कोरोना वायरस से बचाव के लिए काफी प्रभावशाली है. जिलाधिकारी ने बताया कि इसे बनाने वाली कंपनियों का दावा है कि जो भी व्यक्ति इस कार्ड को पहनकर रहेगा, उसके एक मीटर तक के दायरे में कोविड-19 एंट्री नहीं करेगा. किन्तु कंपनियों के इस दावे में कितना सचा है, इसका पता लगाना बहुत कठिन है.
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