नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली में बवाल मचा हुआ है. इस कानून के खिलाफ दिल्ली में भड़की हिंसा से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी सतर्क हो गई है. बीते दिनों प्रदेश में सीएए को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ में नामजद लोगों के साथ-साथ उनके दूसरे साथियों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है. दोबारा यूपी में हिंसा न भड़के इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं. संवेदनशील शहरों के साथ ही दिल्ली राज्य की सीमा से सटे जिलों को खास निगरानी में लिया गया है. मुख्यालय से वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया है, जो सुरक्षा प्रबंध संभाल रहे हैं. साथ ही एहतियात के तौर पर इन सभी जिलों में पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सीएए को लेकर उत्तर प्रदेश पहले से ही संवेदनशील बना हुआ है. यहां लखनऊ, फीरोजाबाद, बागपत, मेरठ और अलीगढ़ सहित कई जिलों में हिंसा हो चुकी है. कई जिलों में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन अभी भी चल रहे हैं. इसी बीच इस मुद्दे पर दिल्ली में दंगा भड़क गया. दिल्ली सीमा से सटे नोएडा, गाजियाबाद, बागपत और बुलंदशहर के अलावा संवेदनशील अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और संभल को लेकर उप्र शासन ने पहले ही तैयारी कर ली है.
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इस मामले को लेकर पुलिस महानिदेशक हितेशचंद्र अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में शांति है, फिर भी दिल्ली बॉर्डर वाले जिलों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारी मुख्यालय से भेजे गए हैं, जो सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालेंगे। अतिरिक्त फोर्स के रूप में पीएसी भेज दी गई है. इससे पहले सीएए के खिलाफ हिंसा को समय रहते काबू किया गया और अयोध्या पर आए संवेदनशील फैसले के वक्त यहां शांति व्यवस्था कायम रखने में सफलता मिली थी. उस वक्त राज्य में लागू की गई जोन और सेक्टर स्कीम को फिर से लगा दिया गया है.
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