लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक डॉक्टर ने अपने साथी के साथ मिलकर एक महिला मरीज के साथ सामूहिक बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया। मामला खोड़ा इलाके का है। पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को अरेस्ट कर लिया है। जबकि, उसका साथी अभी फरार बताया जा रहा है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। दरअसल, दिल्ली के रोहिणी इलाके की निवासी एक महिला बहुत समय ये बीमार थी। उसे जब गाजियाबाद के खोड़ा स्थित डॉक्टर साकिब के क्लिनिक के संबंध में पता चला तो उसने वहां फोन किया।
डॉक्टर साकिब ने महिला को भरोसा दिया कि वह उसकी बीमारी जड़ से ख़त्म कर देगा। महिला भी डॉक्टर की बातों में आ गई। मगर डॉक्टर का इरादा बेहद घिनौना था। 7 जून को महिला पहली दफा डॉक्टर साकिब के क्लिनिक पहुंची। उसने महिला मरीज को कुछ दवाएं दीं। मगर, उन दवाओं से जब महिला को असर नहीं पड़ा, तो डॉक्टर ने फिर से उसे क्लिनिक बुलाया। 19 जून को महिला फिर से क्लिनिक गई। मगर, इस समय डॉक्टर साकिब ने उसे नशे का इंजेक्शन दे दिया। फिर अपने एक साथी डॉक्टर जकी के साथ मिलकर महिला का सामूहिक बलात्कार किया। महिला को जब होश आया तो उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। इसके बाद डॉक्टर साकिब ने उसे धमकी देते हुए कहा कि इस बारे में यदि किसी को बताया तो वह उसके वीडियो को वायरल कर देगा जो उसने सामूहिक बलात्कार के वक़्त बनाया है।
इससे महिला बेहद डर गई और शर्म के चलते उसने यह बात किसी को नहीं बताई और अंदर ही अंदर घुटती रही। लेकिन, कुछ समय बाद महिला ने साहस जुटा कर सोमवार (26 जून) को आरोपी डॉक्टर और उसके साथी के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। पीड़िता के मुताबिक, डॉक्टर साकिब ने उसे खुद बताया था कि वह उससे पहले भी कई लड़कियों के साथ ऐसा कर चुका है। पुलिस ने महिला की शिकायत पर केस दर्ज किया और आरोपी डॉक्टर साकिब को अरेस्ट कर लिया। लेकिन दूसरा साथी डॉक्टर जकी अभी फरार चल रहा है, जिसकी तलाश जारी है।
बरेली से भी सामने आई थी हैरान करने वाली घटना:-
बता दें कि, कुछ दिन पहले यूपी के ही बरेली में स्थित डॉक्टर एम खान अस्पताल से एक हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया। यहाँ एक पिता हरिमोहन यादव अपने 3 वर्षीय बेटे का इलाज कराने आए थे, जिसे बोलने में समस्या थी। किसी ने हरिमोहन को बताया कि, जीभ की सर्जरी करवाने से बच्चा अच्छे से बोलने लगेगा। इसी आस में हरिमोहन बच्चे को लेकर डॉक्टर एम खान अस्पताल पहुंचे। लेकिन, वहां डॉ जावेद ने बच्चे की जीभ का ऑपरेशन करने की बजाए उसका खतना कर दिया। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि, बच्चे के पिता ने खुद खतना की लिखित सहमति दी थी, इस पर हरिमोहन बताते हैं कि, अस्पताल वाले बेटे के इलाज के लिए अंग्रेजी में लिखा एक पर्चा लेकर आए थे, मुझे अंग्रेजी नहीं आती, लेकिन मैंने इलाज का समझकर दस्तखत कर दिए, मुझे नहीं पता कि उन लोगों ने खतना करने वाले कागज़ पर मेरे हस्ताक्षर लिए हैं, मैं तो वहां अपने 3 वर्षीय बेटे की जीभ का इलाज करवाने गया था। इस मामले में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया है और जांच जारी है।