नई दिल्ली: देश के अस्पतालों में मरीजों को बेड्स नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में होम आइसोलेशन का महत्त्व बहुत ज्यादा बढ़ गया है. होम आइसोलेशन में रहने वाली गोरखपुर की एक 82 साल की बुजुर्ग महिला कोरोना को मात दी है. इसके पीछे उनके बेटे श्याम की भारी मेहनत और लगन रही. बेटे ने रात-रात जागकर अपनी बूढ़ी मां का ध्यान रखा. क्योंकि उसकी मां डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की भी मरीज है।
कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से मां का ऑक्सीजन स्तर गिरकर 79 हो गया था. उसके बाद डॉक्टरों की सलाह ली और ऑक्सीजन की सपोर्ट दी गई. इसके लिए बेटे ने चार रात लगातार जागकर मां की सेवा की और धीरे-धीरे उनकी सेहत में सुधार होने लगा जब ऑक्सीजन का स्तर 94 पहुंचा. तब राहत की सांस ली. श्याम के बड़े भाई हरिमोहन श्रीवास्तव ने बताया कि, ''12 अप्रैल को मां की कोरोना संक्रमित रिपोर्ट आई थी. उसके बाद मेरे छोटे भाई श्याम ने मां की काफी सेवा की. मां को पेट के बल सुलाया, लॉन्ग, कपूर, अजवाइन की पोटली बनाकर मां को सुंघाते रहे, इस प्रकार करने से 12 दिन बाद बहुत सुधार दिखाई देने लगा, अब मां का ऑक्सीजन स्तर 97 है.
बता दें कि यह उदाहरण उन लोगों के लिए और ज्यादा जरूरी है जो कम लक्षण आने पर ही हॉस्पिटल की ओर भागने लगते हैं. वे लोग भी डॉक्टर की सलाह लेकर अस्पताल ना जाकर घर पर ही उपचार कर सकते हैं.
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