लखनऊ: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में मिलावटी दूध बेचने के मामले में 23 वर्षों के लंबे अरसे के बाद अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने आरोपी ग्वाले को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह की कोर्ट ने दिया है.
सहायक शासकीय अधिवक्ता सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी ने जानकारी दी है कि, यह मामला 17 मई 1999 का है. यहां ऑफिसर गेट कॉलोनी के पास से तत्कालीन खाद्य निरीक्षक एमएल गुप्ता ने तीन ग्वालों से दूध का सैंपल लिया था. दूध में मिलावट पाए जाने पर इस मामले में चौक थाना क्षेत्र के खजुरिया के रहने वाले रामसजन के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. केस दर्ज होने के बाद आरोप पत्र अदालत पहुंचा, जहां 23 वर्षों से मामला लंबित था. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील द्वारा सबूतों के साथ चार गवाहों की गवाही कराई गई. फिर अदालत ने आरोपी ग्वाले को आजीवन कारावास के साथ 20 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई.
जहरीले आटे की रोटी खाने से मरे थे 14 लोग :-
वहीं, शाहजहांपुर में वर्ष 1997 में जहरीले आटे से बनी रोटी खाने से 14 लोगों की जान चली गई थी. इस मामले में अदालत ने 2 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई. इन पर 60-60 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोंका गया है. कोर्ट का यह फैसला 25 साल बाद आया. अपर सत्र न्यायालय द्वितीय ने फैसला सुनाते हुए दुकानदार सत्यनारायण अग्रवाल और राकेश कुमार को दोषी करार दिया है. अदालत ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
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